शाम सात बजे से 8:20 तक शुभ मुहूर्त
ज्वाली – अनिल छांगु
इस साल लोहड़ी का शुभ मुहूर्त 13 जनवरी को शाम सात बजे से लेकर 8:20 बजे तक है। नववर्ष 2023 के आगमन का जश्न मनाने के बाद अब लोग लोहड़ी पर्व व मकर संक्रांति का पर्व मनाने का इंतजार कर रहे हैं। लोहड़ी पर्व को सर्दियों के खत्म होने का प्रतीक माना जाता है।
लोहड़ी के बाद से दिन बड़े होने लगते हैं। ज्योतिषी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके ज्वाली के ज्योतिषी पंडित विपन शर्मा ने बताया कि वर्ष 2023 में लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा तथा मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि लोहड़ी के पर्व को मनाने के लिए लकड़ी, सूखा नारियल, मेवे, मूंगफली, गजक, तिल, रेवड़ी, देसी घी की जरूरत होती है। पवित्र अग्नि में ये सामग्री अर्पित करने के अलावा रेवड़ी, तिल, गजक, मूंगफली का प्रसाद भी बांटा जाता है।
इस दिन जरूर करें दान
पंडित विपन शर्मा ने बताया कि काली दाल से शनि, राहू और केतु का महत्त्व है, हल्दी से बृहस्पति का संबंध है और हरी सब्जियों से बुध का संबंध है। जब खिचड़ी पकती है तो उसकी गरमाहट का संबंध मंगल और सूर्य देव से है। इस प्रकार लगभग सभी ग्रहों का संबंध खिचड़ी से है, इसलिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और दान का महत्त्व अधिक होता है।
परंपरा बहुत पुरानी
लोहड़ी पर्व में दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने की परंपरा बहुत पुरानी है। इस दिन आग के चारों ओर लोग बैठते हैं फिर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनी जाती है। दरअसल इस कहानी को सुनने का विशेष महत्त्व है। माना जाता है कि मुगल शासन के दौरान अकबर के समय दुल्ला भट्टी नाम का एक व्यक्ति पंजाब में रहता था।
उस जमाने में अमीर व्यापारी सामान के साथ-साथ शहर की लड़कियों को बेचा करते थे। उस समय दुल्ला भट्टी ने उन लड़कियों को बचाकर उनकी शादी करवाई थी। मान्यता है कि उसी समय से हर साल लोहड़ी के पर्व पर दुल्ला भट्टी की याद में उनकी कहानी सुनाई जाती है।