सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश के नाहन शहर में प्रतिबंधित प्लास्टिक का इस्तेमाल धड़ल्ले से चल रहा है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक शहर में आधा दर्जन व्यापारियों द्वारा प्रतिबंधित नाॅन वोवन थैलियों को बेचा जा रहा है। यहीं से ये थैलियां परचून विक्रेताओं तक पहुंचती हैं।
रोचक बात ये है कि सरकार द्वारा 16 विभाग कार्रवाई के लिए अधिकृत हैं। ये विभाग महज 6 थोक विक्रेताओं पर ही नकेल कसने में नाकामयाब हो रहे हैं। जानकारों का कहना है कि थोक विक्रेताओं के गोदामों में ही एक दबिश दी जाए तो परचून विक्रेताओं तक प्रतिबंधित प्लास्टिक नहीं पहुंचेगा।
हालांकि, एक तर्क ये भी है कि कानून की सख्ती से ही परिणाम आ सकते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा व्यापारियों की काउंसलिंग भी की जा सकती है, ताकि वो खुद ही प्रतिबंधित प्लास्टिक की बिक्री को बंद कर दें।
बताया जा रहा है कि पर्यावरण हितैषी कैरी बैग की कीमतें भी अब नाॅन वोवन के मुकाबले में आ चुकी हैं। केवल इसके इस्तेमाल की आदत नहीं डल रही।
उधर, एक अन्य दिलचस्प बात ये भी है कि सरकारी विभागों के कर्मचारी व अधिकारी भी दुकानों से सामान खरीदते वक्त इस बात को नजर अंदाज कर देते हैं कि जिस थैली में वो सामान ले रहे हैं, असल में वो प्लास्टिक ही घर ले जा रहे हैं।
पर्यावरण का संरक्षण तो चिंता का विषय बनता ही है, लेकिन इसे घर ले जाने वाले ये भी भूल जाते हैं कि प्लास्टिक में खाद्य सामग्री एक धीमा जहर भी है। दरअसल, ग्राहक इस बात की गलतफहमी में भी रहता है कि वो जो कैरी बैग दुकानदार से लेकर जा रहा है, वो कपड़े का बना है। असल में नाॅन वोवन प्लास्टिक ही है। इसका प्रयोग ग्राहक घर पर भी कर सकते हैं।
बहरहाल, देखना ये होगा कि आने वाले दिनों में प्रशासन सहित सरकार के 16 विभाग क्या थोक विक्रेताओं सहित परचून की दुकानों पर कार्रवाई करने में सक्षम होते हैं।