यूक्रेन में फंसे 116 हिमाचली, प्रदेश का गृह विभाग इकट्ठा कर रहा डाटा, मुख्य सचिव विदेश मंत्रालय के संपर्क में
ऊना- अमित शर्मा
रूस व यूक्रेन के बीच बढ़े विवाद के चलते रूस द्वारा यूक्रेन की सीमा पर सशस्त्र सैनिक तैनात कर देने से पैदा हुए तनाव के बीच युद्ध की आशंका जताते हुए बेशक भारतीय दूतावास ने भारतीयों को यूक्रेन छोड़कर देश वापसी की एडवायजरी जारी कर दी है, लेकिन लाखों रुपए खर्च कर उच्च शिक्षा हासिल करने गए भारतीय छात्रों के अभिभावक भी इससे तनाव में दिख रहे हैं।
विधानसभा क्षेत्र गगरेट की चार छात्राओं सहित जिला ऊना से भी कई छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए हैं। ऐसे में अभिभावक समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर करें तो क्या करें। इसी बीच पुलिस ने भी ऐसे लोगों का डाटा तैयार करना शुरू कर दिया है जो इस समय यूक्रेन में हैं।
रूस व यूक्रेन में तनाव पैदा होने से पहले ही कई छात्र एमबीबीएस की डिग्री करने के लिए रूस व यूके्रन का रुख करते हैं। रूस व यूक्रेन में एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के बाद इन्हें भारत में आकर एक टेस्ट देना होता है और इस टेस्ट को पास कर लेने के बाद ये डाक्टर भी भारत में प्रैक्टिस करने व सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में नौकरी करने के हकदार बन जाते हैं।
यही वजह है कि रूस व यूक्रेन में जिले के भी कई छात्र एमबीबीएस की डिग्री करने गए हुए हैं, लेकिन वहां उपजे हालात को देखते हुए यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने तमाम भारतीय को तत्काल यूक्रेन छोड़ देने की सलाह दी है। इसी सलाह ने यूक्रेन में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों के अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है।
मौजूदा समय में विधानसभा क्षेत्र गगरेट के अंबोआ गांव के विकास परमार की पुत्रियां शिवांगनी सिंह व विभावरी सिंह, नंगल जरियालां गांव के राकेश कुमार की पुत्री अकांक्षा व डंगोह गांव के प्रवीण कौशल की पुत्री अनिका कौशल जिला ऊना से ही करीब एक दर्जन से अधिक छात्र एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने के लिए यूक्रेन के विभिन्न स्वास्थ्य शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास द्वारा भारतीयों को यूक्रेन छोड़ देने की जारी की गई एडवायजरी के बाद कुछ अभिभावक भी चिंतित दिख रहे हैं। इसके चलते अभिभावक भी अपने बच्चों से लगातार फोन पर संपर्क कर स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं।
अंबोआ गांव के विकास परमार ने बताया कि उनकी लगभग रोजाना यूक्रेन में बेटियों से बात हो रही है। हालांकि अभी तक बेटियों ने हालात सामान्य ही बताए हैं। उन्होंने भगवान से शांति व अमन चैन स्थापित होने की भी दुआ की है। उधर, गगरेट पुलिस ने भी ऐसे लोगों का डाटा एकत्रित किया है जो इस समय यूक्रेन में हैं।
बच्चे नहीं छोड़ना चाहते अभी यूक्रेन
जिला कांगड़ा के जो बच्चे यूक्रेन में पढ़ाई करने के लिए गए हैं उनके स्वजनों व बच्चों से पुलिस प्रशासन की बात हुई है। बच्चे अभी तक यूक्रेन को नहीं छोड़ना चाहते व वहीं रहना चाहते हैं। उन्हें वहां अभी कोई खतरा नहीं लग रहा है। वहीं बच्चों का यह भी कहना है कि फ्लाइट का खर्चा भी ज्यादा है, इस लिए अभी यूक्रेन में ही रूकेंगे।
यह बोले पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक डा. खुशहाल शर्मा ने बताया कि यूक्रेन के भारतीय दूतावास ने भारतीयों को यूक्रेन छोड़ने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में कांगड़ा पुलिस भी यहां के लोगों का डाटा एकत्रित कर रही है जो इस वक्त यूक्रेन में फंसे हैं। उन्होंने बताया यूक्रेन में 10 से 15 बच्चे जिला कांगड़ा के वहां पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुछ बच्चों के स्वजनों से बात हुई है बच्चे कह रहे हैं कि वहां सब ठीक है अभी नहीं आना चाहते। हालांकि फ्लाइट का खर्चा भी ज्यादा है। बच्चे वहां पर स्थिति ठीक होने की बात कह रहे हैं और कह रहे हैं यूक्रेन को अभी नहीं छोड़ेंगे।
हिमाचल प्रदेश के गृह विभाग द्वारा यूक्रेन में फंसे हुए लोगों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव रामसुभाग सिंह भी यूक्रेन में फंसे हिमाचल के लोगों को लाने के लिए विदेश मंत्रालय में बात कर रहे हैं। इंडिया और यूक्रेन के बीच इससे पहले दो फ्लाइटें चलती थीं, जो अभी बंद हैं। जो लोग यूक्रेन से वापस इंडिया आना चाहते हैं, उनके लिए एयर इंडिया सहित अन्य विशेष फ्लाइटें चलाई जा सकती हैं।
सरकार द्वारा जल्द ही इस बारे फैसला लिया जा सकता है। यूक्रेन में फंसे हुए लोगों के लिए भारत सरकार ने कंट्रोल रूम भी स्थापित किए हैं। हाल ही में भारतीय दूतावास द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई थी, जिसमें कहा गया है कि यूके्रन में रह रहे भारतीय नागरिक, खासतौर से छात्र जिनका रुकना जरूरी नहीं है, वे अस्थायी रूप से निकलने पर विचार कर सकते हैं।
यूक्रेन में हिमाचल प्रदेश के 116 लोगों के फंसे होने की पुष्टि प्रदेश के गृह सचिव भरत खेड़ा ने की है। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग के माध्यम से यूक्रेन में रह रहे लोगांे का डाटा एकत्रित किया जा रहा है, जिसमें अभी तक हिमाचल के 116 लोगों के यूक्रेन में होने का पता चला है।
उन्होंने बताया कि इस बारे में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह भी फोर्न सर्विसेज में बात कर रहे हैं। भरत खेड़ा ने बताया कि यूक्रेन में रह रहे जो लोग वापस आना चाहते हैं, उन्हें लाने के लिए एयर इंडिया सहित अन्य विशेष फ्लाइटें चलाई जा सकती हैं, ताकि लोगांे को सुरक्षित वापस पहुंचाया जा सके।
टिकट तीन गुणा महंगा, एयरलिफ्ट करे सरकार
यूक्रेन में फंसे छात्रों ने एक न्यूज चैनल से किराया तीन गुणा तक महंगा होने और फ्लाइट्स नहीं मिलने की बात कही। उन्होंने सरकार से एयरलिफ्ट कराने की मांग की। छात्रों ने बताया कि 20 जनवरी के बाद से फ्लाइट का किराया दो से तीन गुना बढ़ गया है। अब 60 से 80 हजार रुपए तक लग रहे हैं।
रशिया यदि युद्ध छेड़ता है, तो भारत सरकार कोरोना काल की तरह वंदे भारत मिशन चलाकर यूक्रेन से भारतीयों को लाए। हम लोग भारतीय दूतावास से आग्रह कर रहे हैं कि क्लास ऑनलाइन करवा दो, ताकि हम घर लौट जाएं। सरकार उनकी जान की रक्षा एयरलिफ्ट कराकर करे, क्योंकि यहां टिकट महंगा हो गया है।