व्यूरो रिपोर्ट
80 प्रतिशत दूध के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर हिमाचल प्रदेश में दूध की गंगा अब मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की उन्नत डेयरी प्रोजेक्ट के तहत बहेगी। इसके लिए बेरोजगार युवाओं को प्रोजेक्ट लगाने के लिए पांच लाख से एक करोड़ रुपये तक का ऋण सरकार देगी। योजना का लाभ उठाने वाले बेरोजगारों को 25 से 35 प्रतिशत तक सबसिडी मिलेगी। इसमें 25 प्रतिशत पुरुष, 30 प्रतिशत महिलाओं और 35 प्रतिशत विधवा महिलाओं के लिए सबसिडी तय की गई है।
बेरोजगार युवाओं को 10-10 गाय या भैंसें खरीदनी होंगी। इसकी कीमत पर कोई सबसिडी विभाग नहीं देगा, लेकिन डेयरी फार्म के लिए शेड, मिल्किंग मशीन सहित अन्य मशीनों पर सबसिडी का प्रावधान रहेगा। बे रोजगार युवा इसके लिए उद्योग विभाग के पास आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उसका दस्तावेजों में एक हिमाचली बोनोफाइड, आधार कार्ड की फोटो कापी, जमीन के दस्तावेज और प्रोजेक्ट की रिपोर्ट दाखिल
करनी होगी। प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर एक करोड़ रुपये तक मंजूर हो सकता है। ऋण मंजूर होने के साथ ही दूध से बनने वाले उत्पादों मक्खन, लस्सी, पनीर, खोया आदि के लिए भी बेरोजगार मशीनें लोन पर ले सकेंगे। इसके लिए कम से कम 10 गाय होना जरूरी है।
इसलिए नहीं गाय व भैंस की खरीद पर सबसिडी
योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को डेयरी उद्योग से जोड़ना है, ताकि अन्य लोगों को रोजगार मिल सके। कई बार लोग गाय व भैंस तो ऋण पर ले लेते हैं, लेकिन उद्योग स्थापित नहीं करते। ऐसे में गाय व भैंस खरीदने पर जो खर्च होगा उस पर सबसिडी विभाग नहीं दे रहा, ताकि संबंधित व्यक्ति डेयरी लगाकर रोजगार की राह प्रशस्त करे।
साइलेज के लिए भी ऋण
पशुओं को बनने वाले चारे की शेड यानी साइलेज के निर्माण के लिए भी उद्योग विभाग अलग से सबसिडी दे रहा है। अपने प्रोजेक्ट रिपोर्ट में संबंधित आवेदक को इसका जिक्र और कितनी जमीन पर यह बनेगा इसका ब्यौरा देना होगा।
क्या कहते हैं उद्योग विभाग के अधिकारी
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक ओपी जरियाल का कहना है मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत उन्नत डेयरी प्रोजेक्ट में बेरोजगार युवा डेयरी खोलने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें एक करोड़ रुपये तक का ऋण बेरोजगार को 25 से 35 प्रतिशत की सबसिडी के आधार पर देने का प्रावधान है।