जिला मंडी के द्रंग विधानसभा के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले के बीच एक महिला आ गई व सीएम की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। नौ मील गांव की लक्ष्मी देवी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले के आगे खड़ी हो गई।
व्यूरो, रिपोर्ट
मां अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर सकती है। द्रंग विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान कुछ ऐसा ही हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री का मानवीय चेहरा भी लोगों के सामने आया।
जिला मंडी के द्रंग विधानसभा के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले के बीच एक महिला आ गई व सीएम की गाड़ी को रोकने का प्रयास किया।
ग्राम पंचायत टांडू के पाखरी गांव की लक्ष्मी देवी ने अपने बेटे के इलाज की फरियाद के लिए मुख्यमंत्री की गाड़ी के आगे खड़ी हो गई। सुरक्षा कर्मियों ने उसे हटाना चाहा, तो बुजुर्ग को देखकर स्वयं जयराम ठाकुर गाड़ी से उतरे और बुजुर्ग महिला से ऐसा करने का कारण पूछता।
हाथ में अर्जी लिए बुजुर्ग लक्ष्मी देवी ने रोते हुए कहा कि उनका बेटा 22 साल से कोमा में है। परिवार की आर्थिक हालात खराब है। पति लालू राम का स्वर्गवास हो चुका है। बाकि परिवार अलग है।
इतना सुनते ही मुख्यमंत्री सड़क के 20 मीटर की दूरी पर स्थित महिला के साथ उसके घर चल दिए, जहां पर मुख्यमंत्री ने बेटे की हालत देखी। उसे खाना देने के लिए पाइप लगाई गई थी।
बिस्तर पर ही पिछले 22 साल से बेटा पड़ा था। लक्ष्मी देवी के आंसू देखकर मुख्यमंत्री भी भावुक हो गए और उन्होंने मौके पर ही एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता बुजुर्ग महिला को देने की घोषणा की।
साथ ही जिला प्रशासन को आर्थिक मदद का स्थायी प्रबंध करने के लिए सहारा योजना में शामिल करने को कहा।
मुख्यमंत्री के इस तरह से लक्ष्मी देवी के मदद को आगे आने पर लक्ष्मी देवी ने उनका रोते हुए आभार जताया। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उनकी समस्या को सुनेंगे लेकिन स्वयं घर आकर यह सोचा नहीं था।
बता दें कि सहारा योजना में बीमारी के कारण लाचारी झेल रहे रोगियों के लिए हर महीने तीन हजार रुपये की आर्थिक मदद का प्रावधान है।