व्यूरो रिपोर्ट
भाजपा संगठनात्मक जिला नूरपुर में मधु बाला को भाजपा महिला मोर्चा का जिला सचिव बनाने से जवाली में चर्चाओं का दौर जारी है। मधु बाला को जिला सचिव का नियुक्ति पत्र व निष्कासन का पत्र सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है।
चर्चा है कि अगर भाजपा पार्टी ने मधु बाला को 6 साल के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया है तो फिर उनको जिला सचिव कैसे बना दिया गया जबकि हाईकमान निर्णय लिया है कि जिन लोगों को पार्टी से निष्कासित किया गया है उनको पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा।
अब मधु बाला को जिला सचिव नियुक्त करना कहां तक उचित है। यह नियुक्ति इसलिए चर्चा में है कि मधु बाला को वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले 8 नवंबर 2022 को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के कारण तुरंत प्रभाव से 6 साल के लिए प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था।
निष्कासन के बाद भी उनको जिला सचिव बनाया दिया गया जबकि नियमानुसार पहले मधु बाला को प्राइमरी सदस्य बनाया जाना था। हाईकमान ने पार्टी से निष्कासित लोगों को अभी तक पार्टी में वापिस लेने का निर्णय ही नहीं लिया है तो फिर मधु बाला की नियुक्ति कैसे हो गई।
निष्कासन के बाद भी इस नियुक्ति की चर्चा हर तरफ होती रही। इस नियुक्ति से उन समस्त बागियों के हौंसले बुलंद हैं जिन्होंने चुनाव में पार्टी विरोधी कार्य किया है। हाईकमान व संगठन का आपसी तालमेल नहीं है।
भाजपा प्रत्याशी संजय गुलेरिया के बोल
इस बारे में भाजपा प्रत्याशी संजय गुलेरिया ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मधु बाला ने पार्टी विरोधी कार्य किया है तथा अभी तक पार्टी ने मधु बाला को वापिस नहीं लिया है तो फिर उसको जिला सचिव कैसे नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल से की गई है।
जिलाध्यक्ष रमेश राणा के बोल
इस बारे में जिलाध्यक्ष रमेश राणा का कहना है कि मधु बाला को भाजपा महिला मोर्चा के जिला सचिव बनाने का मामला मेरे ध्यान में आया है। उन्होंने कहा कि इसकी छानबीन की जाएगी।
भाजपा जिलाध्यक्ष श्रेष्ठा ठाकुर के बोल
इस बारे में भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रेष्ठा ठाकुर ने कहा कि संगठन से बात करके ही मधु बाला को जिला सचिव बनाया गया है। अगर संगठन को लगता है कि यह गलत हुआ है तो संगठन इसे रद्द कर सकता है। संगठन का निर्णय ही सर्वोपरि होगा।