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मंडी – अजय सूर्या

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प्रदेश सरकार ने राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं को बंद कर दिया है। इन सुविधाओं को बंद किए हुए एक वर्ष से भी अधिक का समय बीत गया है। इस बात को लेकर मजदूर राज्य सरकार के खिलाफ लगातार आंदोलनरत हैं।

हाल ही में पांच मजदूर संगठनों सीटू, इंटक, एटक, टीयूसीसी और श्रमिक कामगार संघ ने इन सुविधाओं की बहाली के लिए चलने वाले आंदोलन के लिए संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया है। आज इसी समिति के बैनर तले पांचों मजदूर संगठनों के पदाधिकारियों और मजदूरों ने मंडी शहर में एक रोष रैली निकाली और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

मजदूर संगठनों का कहना है कि मनरेगा या अन्य निर्माण कार्यों को करने वाले पंजीकृत मजदूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की तरफ से विभिन्न प्रकार की वित्तिय सहायताएं प्राप्त होती थी, लेकिन सुख की सरकार के गठन के अगले दिन से ही इन सभी सुविधाओं को बंद कर दिया गया है।

बार-बार सरकार के पास गुहार लगाने के बाद भी अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। यही कारण है कि अब इन सुविधाओं को बहाल करने के लिए संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया है।

संयुक्त संघर्ष समिति के राज्य संयोजक भूपेंद्र सिंह ने कहा कि जिस सरकार को मजदूरों ने चुनकर भेजा है आज वही सरकार मजदूर विरोधी बन गई है। मजदूरों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और पहले से मिलने वाली सुविधाओं को भी बंद किया जा रहा है।

उन्होंने सुख की सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर अगले दो महीनों में मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं को बहाल नहीं किया गया तो फिर प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा और कांग्रेस पार्टी को आगामी लोकसभा चुनावों में इसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम को अपना मांगपत्र भी भेजा।

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