मंडी – अजय सूर्या
अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के चलते ऐतिहासिक पड्डल मैदान में देवलोक उतर गया है। दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को भटकना नहीं पड़ रहा, उन्हें एक ही जगह पर सैंकड़ों देवी-देवताओं के दर्शन हो रहे हैं। मेले में करीब 186 पंजीकृत देवी देवताओं के अलावा दर्जनों अन्य देवी देवता भी पहुंचे हैं।
ऐसे में हजारों की संख्या में लोग इस देव लोक का दीदार करने को पहुंच रहे हैं। देवी-देवताओं के दर्शनों के लिए जनसैलाब उमड़ा कि भीड़ में निकलना भी कठिन हो गया। अपने निर्धारित स्थानों पर बैठे देवी देवताओं के दर्शनों के लिए भक्तों में भारी उत्साह है। दिनभर श्रद्धालु पड्डल पहुंचकर देवी-देवताओं का आशीर्वाद ले रहे हैं।

देवी-देवताओं का हो रहा भव्य मिलन
पड्डल मैदान में कई देवी-देवताओं का भव्य मिलन हो रहा है। वहीं, मंडी शहर में आते जाते जहां पर भी देवता एक दूसरे के साथ मिल रहे हैं वहां पर भव्य मिलन हो रहे हैं। मंगलवार को भी दर्जनों देवी देवताओं का मिलन हुआ। इस भव्य मिलन का नजारा लोगों के द्वारा अपने कैमरों में कैद करने के लिए भारी होड़ देखी गई।
पड्डल मैदान में कई देवी-देवताओं का भव्य मिलन हो रहा है। वहीं, मंडी शहर में आते जाते जहां पर भी देवता एक दूसरे के साथ मिल रहे हैं वहां पर भव्य मिलन हो रहे हैं। मंगलवार को भी दर्जनों देवी देवताओं का मिलन हुआ। इस भव्य मिलन का नजारा लोगों के द्वारा अपने कैमरों में कैद करने के लिए भारी होड़ देखी गई।

झूलों पर युवाओं और बच्चों की मस्ती
पड्डल मैदान में चल रहे मेले में युवाओं और बच्चों को झूलों पर खूब मस्ती करते हुए देखा जा रहा है। छोटा पड्डल मैदान में जहां बड़े से बड़े झूल लगे हैं, जिन पर युवा और अन्य लोग झूल रहे हैं वहीं, बच्चों के लिए छोटे छोटे झूले लगे हैं। इनमें बच्चे खूब मस्ती कर रहे हैं।
पड्डल मैदान में चल रहे मेले में युवाओं और बच्चों को झूलों पर खूब मस्ती करते हुए देखा जा रहा है। छोटा पड्डल मैदान में जहां बड़े से बड़े झूल लगे हैं, जिन पर युवा और अन्य लोग झूल रहे हैं वहीं, बच्चों के लिए छोटे छोटे झूले लगे हैं। इनमें बच्चे खूब मस्ती कर रहे हैं।

मेले में अभी खरीदारी कम
पड्डल मैदान में बेशक बड़े बडे डोम में दुकानें सज गई हैं, वहीं बाहर भी कई दुकानें सजी हैं। लोग मेले में आ भी रहे हैं, मगर अभी लोग खरीददारी कम कर रहे हैं। लोग अभी सामान को जांच परख रहे हैं। मेले के अंतिम दिनों में अधिक खरीदारी होने की उम्मीद है।
पड्डल मैदान में बेशक बड़े बडे डोम में दुकानें सज गई हैं, वहीं बाहर भी कई दुकानें सजी हैं। लोग मेले में आ भी रहे हैं, मगर अभी लोग खरीददारी कम कर रहे हैं। लोग अभी सामान को जांच परख रहे हैं। मेले के अंतिम दिनों में अधिक खरीदारी होने की उम्मीद है।

सरस मेले में अधिक रूची
शिवरात्रि के चलते इंदिरा मार्केट में लगे सरस मेले में लोगों का अधिक रूझान दिख रहा है। मेले में बहुत से बाहरी राज्यों और हिमाचल के स्टॉलों में खूब भीड़ लगी हैं और कई प्रकार की खरीददारी हो रही है। यहां पर कपड़ो, सजावट का सामान, पहाड़ी टापी, जैकेट, अचार, खाद्य सामग्री सहित अन्य सामान लोगों को इस मेले में मिल रहा है।
शिवरात्रि के चलते इंदिरा मार्केट में लगे सरस मेले में लोगों का अधिक रूझान दिख रहा है। मेले में बहुत से बाहरी राज्यों और हिमाचल के स्टॉलों में खूब भीड़ लगी हैं और कई प्रकार की खरीददारी हो रही है। यहां पर कपड़ो, सजावट का सामान, पहाड़ी टापी, जैकेट, अचार, खाद्य सामग्री सहित अन्य सामान लोगों को इस मेले में मिल रहा है।

वहीं, ऋषि पराशर को मंडी राज परिवार का कुल पुरोहित माना गया है और महाशिवरात्रि मेला में उनका अहम स्थान रहता है, लेकिन उनके हर कार्य में देव गडहणी साथ रहते हैं। देव गडहणी को ऋषि पराशर का द्वार पाल व अंक रक्षक माना गया है। मान्यता के अनुसार ऋषि परागा जब भी अपने किसी कार्य या युद्ध के लिए निकलते तो देव गडहणी उनके अंग रक्षक के नाते साथ रहते हैं। मान्यता के अनुसार भादो माह में डायनों व देवताओं के युद्ध के दौरान ऋषि पराशर की कभी हार नहीं हुई।

टुकड़ों में निकली महाशिवरात्रि महोत्सव की मध्य जलेब
वहीं, मंगलवार को मंडी महाशिवरात्रि महोत्सव की मध्य जलेब टुकड़ों में निकाली गई। आधे देवी-देवता आगे और करीब 500 मीटर के अंतराल में बाकी जलेब पीछे चली। इस जलेब में बतौर मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने शिरकत की। वहीं, जलेब में अव्यवस्था को लेकर सभी हैरान हैं। आधी जलेब आगे और आधी पीछे रह गई। करीब 15 मिनट तक बीच में करीब 500 मीटर स्थान खाली पड़ा रहा और राज देवता माधोराय की पालकी का इंतजार किया गया।
वहीं, मंगलवार को मंडी महाशिवरात्रि महोत्सव की मध्य जलेब टुकड़ों में निकाली गई। आधे देवी-देवता आगे और करीब 500 मीटर के अंतराल में बाकी जलेब पीछे चली। इस जलेब में बतौर मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने शिरकत की। वहीं, जलेब में अव्यवस्था को लेकर सभी हैरान हैं। आधी जलेब आगे और आधी पीछे रह गई। करीब 15 मिनट तक बीच में करीब 500 मीटर स्थान खाली पड़ा रहा और राज देवता माधोराय की पालकी का इंतजार किया गया।