भोरवल्ली में क्रशर माफिया ने जेसीबी/पॉकलेन से गज का सीना किया छलनी, लोग मटमैला पानी पीने को हो रहे मजबूर,पेयजल स्कीमें हो रही प्रभावित।
शाहपुर – नितिश पठानियां
विधानसभा क्षेत्र शाहपुर के साथ लगते भोरवल्ली के समीप गज खड्ड में खनन माफिया बेलगाम है लेकिन सरकार, प्रशासन, खनन विभाग व पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
खनन माफिया ने जेसीबी व पॉकलेन से खड्डों के सीने पर गहरे जख्म डाल दिए हैं। सुबह चार बजे ही क्रशर की जेसीबी व पॉकलेन खनन करने शुरू हो जाती हैं तथा देर रात तक बदस्तूर खनन करने में जुटी रहती हैं।
खनन माफिया ने लीज काँगड़ा में ले रखी है लेकिन हारचक्कियां तहसील की हद में आकर जमीनों को भी कुरेदना भी शुरू कर दिया है। साथ ही अब तो माफिया वन विभाग के क्षेत्र में भी खनन कर चांदी कूट रहे हैं।
खड्डों में चार से पांच फीट तक के गहरे गड्ढे खोद दिए गए हैं जिस कारण पानी का स्तर भी काफी नीचे चला जा रहा है। खनन माफिया ने तो क्रशर पर रेत-बजरी के दामों में भी काफी इजाफा कर दिया है।
स्थानीय लोगों ने खनन को लेकर सरकार, प्रशासन सहित पुलिस को कटघरे में लिया है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा ट्रैक्टरों के चालान करके की खानापूर्ति की जाती है जबकि ट्रैक्टरों द्वारा तो बेलचा से रेत-बजरी उठाया जाता है परन्तु क्रशर मालिक द्वारा तो जेसीबी व पॉकलेन लगाकर खनन किया जा रहा है।
उंन्होने बताया कि क्रशर से निकलने वाले गंदे अपनी को भी खड्ड में मिला दिया जाता है जिससे लोग गन्दा पानी पीने को मजबूर है। उंन्होने बताया कि भोरबल्ली क्रशर के पीछे पानी साफ है लेकिन क्रशर के बाद पानी मटमैला हो जाता है।जिससे पेयजल स्कीमें प्रभावित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू, खनन मंत्री सहित जिलाधीश कांगड़ा हेमराज बैरवा, एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री से मांग उठाई है कि खनन माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाकर खड्डों के अस्तित्व को बचाया जाए।
जिलाधीश हेमराज बैरवा के बोल
इस बारे में जिलाधीश कांगड़ा हेमराज बैरवा ने कहा कि एसडीएम सहित पुलिस को क्रशर मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा आगे भी खनन माफिया पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए जाएंगे।
एसडीओ जल शक्ति विभाग के बोल
इस बारे में जलशक्ति उपमण्डल मनेई के सहायक अभियंता। अजय सोहल से बात हुई तो उन्होंने बताया कि खनन के कारण पेयजल स्कीमों को नुकसान हो रहा है। पानी मटमैला हो जाता है। जिसके बारे में उच्च अधिकारियों, उपमण्डल अधिकारी को अवगत करवा दिया है।