भक्तों ने बज्रेश्वरी मंदिर में मां के अलौकिक शाृंगार के किए दर्शन, 20 को बंटेगा मक्खन

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काँगड़ा – राजीव जस्वाल

14 जनवरी को नगरकोट माता श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर में जिला स्तरीय घृत पर्व माता की भव्य पिंडी पर देसी घी से बने मक्खन का लेप किया गया था। जिसे देखने के लिए स्थानीय एवं बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं का आना निरंतर जारी है। सात दिनों तक चलने वाले इस घृत पर्व की परंपरा कई शताब्दी वर्ष पुरानी है। सात दिन बाद माता की पावन पिंडी से इस मक्खन को उतारा जाएगा और श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा।

मान्यता यह है मक्खन रूपी ये प्रसाद एक औषधि का काम करता है और चर्म रोग के लिए यह एक रामबाण इलाज है। सुबह से ही मंदिर में मां के अलौकिक श्रृंगार को देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए।

इस दौरान मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की लंबी लाइन देखने को मिली श्रद्धालु मां के जयकारे लगाते हुए दर्शन कर रहे थे वहीं प्रशासन द्वारा भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेहतर प्रबंध किए गए है।

20 को बंटेगा मक्खन रूपी प्रसाद मंदिर

अधिकारी नीलम राणा ने बताया कि माता की पिंडी पर मक्खन का लेप सात दिन तक चढ़ा रहता है। मां के इस शृंगार को देखने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु मंदिर में पहुंच कर दर्शन कर रहे हैं वही 20 जनवरी को सुबह पांच बजे लेप उतारने का कार्य शुरू हो जाएगाए इसके पश्चात प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं में मक्खन रूपी प्रसाद बांटा जाएगा।

मक्खन की विशेषता माता श्री बज्रेश्वरी देवी की पिंडी पर चढ़ाया गया मक्खन बहुत शुद्ध है तथा शरीर में होने वाली दर्द अथवा चरम रोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। चर्म रोग पर मक्खन का लेप लगाने से अत्यंत लाभ प्राप्त होता है। मक्खन रूपी प्रसाद को लेने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु माता ब्रजेश्वरी देवी मंदिर में आते हैं।

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