ग्रामीण कृषि और बागवानी के साथ पुष्प उत्पादन कर भी अपनी आर्थिकी सुदृढ़ कर सकते हैं। जिला चंबा के उपमंडल चुराह के सेईकोठी निवासी लोभीराम ने भी इस दिशा में प्रयास शुरू किए हैं। हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर ( सीएसआईआर-आईएचबीटी) से कलमें लेकर उन्होंने एक बीघा जमीन में नर्सरी में 25 हजार पौध तैयार की है। इसे बाद में एक हेक्टेयर जमीन में रोपित किया जाएगा।
लोभी राम ने बताया कि हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर से बुल्गारिया गुलाब से कलमें लेकर एक बीघा जमीन में ट्रायल पर 25 हजार पौध तैयार की है। इसे एक हेक्टेयर में रोपित किया जाएगा। अभी से उन्हें महाराष्ट्र, दिल्ली से मांग आनी शुरू हुई है। दुबई से भी ऑर्डर आया है। एक्सपोर्ट संबंधी लंबी औपचारिकताओं के चलते उसे फिलहाल टाल दिया है।
बुल्गारिया गुलाब की विशेषता
बुल्गारिया ब्रिटिश गुलाब है। इसकी विशेषता है कि इसकी स्टिक, पौधे, फूल और ड्राई फ्लावर तक बिक जाते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो एक आम गुलाब के पौधे पर एक फूल तोड़ने पर दूसरा फूल आने में कई दिन लगते हैं, जबकि बुल्गारिया गुलाब के एक पौधे से फूल तोड़ने पर दूसरे ही दिन अन्य फूल अंकुरित होने शुरू हो जाते हैं। एक पौधा 100 से 150 फूल देता है।
इत्र, क्रीम और तेल बनाने में होता है उपयोग
बुल्गारिया गुलाब से इत्र, क्रीम और तेल बनाया जाता है। इसकी मांग अरब के देशों, दुबई सहित भारत के विभिन्न राज्यों में अधिक है। बुल्गारिया गुलाब की पौध 70 से 80 रुपये में मिलती है। इसकी कलमें 15 से 20 रुपये में मिल जाती हैं। इसे नर्सरी, पी-बैग में तैयार किया जा सकता है।
उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजीव चंद्रा ने कहा कि प्रगतिशील पुष्प उत्पादक लोभी राम का ट्रायल सफल होने पर इसे आगे बढ़ाया जाएगा। कहा कि विभाग अपने स्तर पर भी पुष्प उत्पादकों के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित कर रहा है।