बुखार व डायरिया के बाद अब “Eye Flu” की मार, बढ़ रही मरीजों की संख्या

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हिम खबर डेस्क

प्रदेश में भारी बारिश के बाद अब आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बरसात में संक्रमण से होने वाले आई फ्लू से बचने के लिए बेहद सावधानी की जरुरत है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो भीड़-भाड़ वाली जगहों, बस व ट्रेन में सफर के दौरान आई फ्लू बढ़ने का खतरा सबसे अधिक है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट से सफर करने वालों को इस संक्रमण का ज्यादा शिकार बनना पड़ रहा है।

आई फ्लू मुख्य रूप से वायरल या बैक्टीरियल से होते। इसमें आँखों में लालिमा, खुजली, चिपचिपापन, या दर्द की समस्या होती है। इसे ठीक होने में 1 या 2 सप्ताह लग सकते हैं। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। खासकर स्कूली बच्चों में इसके फैलने का खतरा सबसे ज्यादा है।

जिला काँगड़ा के कई सरकारी व निजी स्कूलों में बच्चे एक दूसरे के संक्रमित हो रहे हैं। आई फ्लू के फैलने का मुख्य स्त्रोत सतहों का सम्पर्क माना जाता है। बसों में लगे स्टैंड, सीट आदि के छूने से इसका खतरा अधिक होता है।

हाथों की स्वच्छता का रखें ध्यान 

आई फ्लू के संचरण को रोकने के लिए हाथों को साफ़ रखना अति आवश्यक है। आँखों को गंदे हाथों से छूने से बचें। हैंड सैनिटाइजर की मदद से हाथों की सफाई करें। हाथों की सफाई केवल आई फ्लू से ही नहीं, बल्कि गंभीर संक्रमण से बचने के लिए भी सहायक होती है।

इसके साथ-साथ आँखों को स्वच्छ जल से बार-बार धोएं। आँखों पर चश्मा पहने। आँखों में कॉन्टेक्ट लेंस व गहरा मेकअप लगाने से बचें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। गुलाबजल का प्रयोग करें। स्थिति गंभीर होने पर किसी आई स्पेशलिस्ट से चेकअप करवाएं।

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