हमीरपुर के बड़सर में एक सरकारी स्कूल के बाथरूम में नशा लेते युवकों का वीडियो वायरल
हिमखबर डेस्क
नशे को लेकर बदनाम ‘उड़ता पंजाब’ से बदनाम पड़ोसी राज्य की काली परछाई ने पहाड़ी प्रदेश हिमाचल के युवाओं को भी अपने आगोश में ले लिया है। इस जहर ने घरों का सुख-चैन तो छीना ही है साथ ही इंजेक्शन ड्रग्स यूज के चलन ने युवाओं के ऑर्गन डैमेज कर दिए हैं।
बुधवार को एक ऐसा ही मामला जिला हमीरपुर के बड़सर में सामने आया जिसका किसी ने वीडियो भी बनाया है, जो कि बड़ी तेजी से वायरल भी हो रहा है। बताते हैं कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक युवक को आइडेंटिफाई करके पूछताछ के लिए थाने में तलब किया है।
बुधवार शाम को खबर लिखे जाने तक दूसरे की तलाश की जा रही थी। जानकारी के मुताबिक बुधवार को एक वीडियो वायरल हुआ। पूछताछ करने के दौरान पता चला कि यह बड़सर उपमंडल के एक सरकारी स्कूल के अनयुज्ड बाथरूम का है। इस वीडियो में दो युवक इंजेक्शन के माध्यम से नशा करते हुए पाए गए।
जब वो इस घटनाक्रम को अंजाम दे रहे थे, तो किसी व्यक्ति ने उनका वीडियो बना लिया। हालांकि युवा इससे पूरी तरह बेखबर थे क्योंकि जिस जगह पर वे नशा इंजेक्ट कर रहे थे उस तरफ किसी का आना जाना नहीं रहता। स्कूल के जो बाथरूम बताए जा रहे हैं, वो खंडहर हो चुके हैं और उन्हें कोई इस्तेमाल नहीं करता।
वीडियो में दिख रहा है कि युवक अपने प्राइवेट पार्ट के आसपास सीरींज के माध्यम से नशा ले रहा है। गौरतलब है कि चार दिन पूर्व बड़सर के नशा मुक्ति केंद्र में संचालक व उसके साथियों ने एक युवक की डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी। चार दिन बाद भी संचालक व उसके साथी फरार हैं।
मोटी होने लगती है बेन्स
देश-दुनिया में कम्युनिटी मेडिसिन में अपनी अलग पहचान रखने वाले और डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में संबंधित विभाग के एचओडी डा. सुनील रैणा के अनुसार इस तरह के नशे को आज आम भाषा में स्ट्रीट ड्रग्स का नाम दिया गया है। बाजुओं की बेन्स में बार-बार इंजेक्ट करने से उसमें चेंज आने लगते हैं और बेन्स मोटी होने लगती है और लगभग खत्म हो जाती है। जब बेन्स खत्म हो जाएंगी तो उसमें इंजेक्शन अंदर नहीं जाएगा। ऐसे में यह लोग दूसरी जगह बेन्स तलाशते हैं।
दंपति की जहन्नुम बनी जिंदगी
कुछ महीने पहले जिला हमीरपुर के एक गांव में ऐसा वाकया सामने आया था जिसमें पता लगा है था कि चिट्टे की लत ने कैसे एक वेल क्वालिफाई 33 वर्षीय युवक और उसकी पत्नी की जिंदगी को जहन्नुम बना दिया था। छानबीन के दौरान पता चला था कि युवक बहुत अच्छे घराने से ताल्लुक रखता था और जब एमबीए करने जिला से बाहर गया तो कुछ ऐसे दोस्तों की संगत में पड़ गया कि जिंदगी चिट्टे की दहलीज पर आ पहुंची। जिस युवती से उसका प्रेम प्रसंग था वो भी इस लत की आदी हो गई। आज दोनों नशे में जिंदगी गुजार रहे हैं।
युवाओं के ऑर्गन हो रहे डैमेज
बताते चलें कि सीरींज के माध्यम से नशे को नसों में लेने वाले युवाओं के ऑर्गन डैमेज हो रहे हैं। बाजुओं की नसों में बार-बार इंजेक्शन लेने से उनकी बेन्स इतनी मोटी पड़ गई हैं कि वे टांगों में इंजेक्ट करते हैं और जब वहां भी जगह नहीं बचती तो प्राइवेट पार्ट के पास इंजेक्ट कर लेते हैं।
दरअसल पिछले कुछ समय से स्मोक के जरिए नशा लेने वालों ने इंजेक्शन को बेहतर जरिया बना लिया है। हेरोइन जो कि एक महंगा नशा है उसके आए दिन मामले देखने को मिल रहे हैं। इसके अलावा कोकेन, सेनेटल और कैटेमिन जैसी कई ड्रग्स को यूथ नशे के रूप में इंजेक्शन के माध्यम से ले रहे हैं।
एनआईटी हमीरपुर में छात्र की हुई थी मौत
नशे का यह जाल प्रदेश में इस कदर फैला है कि स्कूलों से लेकर, कालेज और यहां तक एनआईटी जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान भी नशे के इस जाल से अछुते नहीं रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण अक्तूबर 2023 में एनआईटी हमीरपुर में देखने को मिला था जब यहां एमटेक के एक छात्र की इसी तरह नशे की ओवरडोज से मौत हो गई थी और उसके बाद चली जांच में और कई छात्रों और ड्रग पैडलर की गिरफ्तारियां यहां हुई थीं। इस संस्थान हिमाचल समेत बाहरी राज्यों के बच्चे भी पढ़ते हैं।
एक पिता ने बताई थी बेटे की आपबीती
कुछ माह पूर्व हमीरपुर शहर से ही ताल्लुक रखने वाले शिक्षा विभाग में कार्यरत एक व्यक्ति के अनुसार उनका बेटा जो कि जिला के एक बड़े शिक्षण संस्थान में पढ़ता है। वो अकसर फुल स्लीव बाजू वाली शर्ट पहनता था। काफी समय से वह थोड़ा सहमा हुआ रहता था।
रात को घर लेट आता तो कहता कि संस्थान की लाइब्रेरी में स्ट्डी करता है। लेकिन एक दिन जब वह कपड़े चेंज कर रहा था तो उसकी पूरी बाजू में सुईयों के निशान देखकर वे चौंक गए। वास्तविकता सामने आई तो पता चला कि काफी समय से वे ड्रग इंजेक्ट कर रहा था, लेकिन अब छूट नहीं रही थी। बाद में उसे रिहेब्लिटेशन सेंटर में छोड़ा गया।