चम्बा- भूषण गुरूंग
पांगी के जंगलों को झेलनी पड़ रही प्राकृतिक आपदा और बन विभाग की अनदेखी। पांगी के जंगलों में कही आग और कही बन कटुओं द्वारा नुकसान पहुचाया जा रहा है लेकिन बन विभाग इस के तरफ कोई ध्यान नहीं देरहा हैं हालात यही रहे तो आने वाले समय मे आने वाली को बिना जंगलो के सांस लेना भी मुश्किल हो जाएगा।
बन परिक्षेत्र किलाड़ के जंगल कालाटोप में तीन माह से आग लगी हुई है बन विभाग ने आग पर काबू की कोशिश नहीं की हैं जिसके कारण सैकड़ो देवदार के पेड़ आग के भेंट चढ़ गये हैं। बन विभाग के जानकार बताते हैं आगमी नवंबर दिसम्बर माह में पता चलेगा आग को लगे तीन माह हो चुके हैं लेकिन विभाग सोया हुआ है।
स्थानीय लोगों भूरी सिंह नरेश कुमार, सुखराम, प्रभजीत, रामपाल सिंह गोकल सिंह भानी चन्द कर्मलाल, बुधिया राम, हंस राज बालकिशन, समेत कइयों का कहना है। जिस जंगल में आग लगी हुई है। यह जंगल बन मण्डल बन परिक्षेत्र कार्यालय के ठीक सामने है यहां यह हाल हैं दूरदराज के जंगलों के क्या हाल हो रहे होंगे।
बन कटुओं ने द्वारा हरे पेड़ो पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही हैं अगर यही हालत रहे तो पांगी के जंगल आने वाले समय मे बंजर नजर आएंगे। जब कोई जरूरत मंद और गरीब ब्यक्ति टीडी के लिए अप्लाई करता है हैं तो न्यायालय का हवाला देकर हरे पेड़ देने से इनकार किया जाता है।
बन विभाग पिछले तीन माह से आग बुझाने का प्रयास कर रहा है जिस क्षेत्र में आग लगी है उसके तीनों और फायर लायन बनाई गई है निचले तरफ को पत्थर गिरने का खतरा बना हुआ है वहा जा नहीं सकते हैं बन रक्षक और वर्कर आग बुझाने में लगे हुए हैं।