हिमखबर डेस्क
एडवेंचर स्पोर्ट्स और रफ्तार अक्सर आपको लड़कों के शौक लगते होंगे लेकिन मनाली की रहने वाली 21 साल की पलक का स्पीड को लेकर क्रेज अच्छे-अच्छों को धूल चटा देता है। कुल्लू में हिमालयन एक्ट्रीम मोटर्स द्वारा चलाए गए फेस्टिवल ऑफ स्पीड में कई सारी महिला राइडर्स ने हिस्सा लिया लेकिन सबकी निगाहें एक मात्र महिला बाइक राइडर पर रही।
मनाली की रहने वाली पलक बाइक रेस कैटगरी में एक मात्र महिला राइडर थी जिसने अपनी स्पीड और बैलेंस का अच्छा प्रदर्शन करके इस प्रतियोगिता में सेमी फाइनल तक अपनी जगह बनाई। इस प्रतियोगिता में पलक एक मात्र महिला बाइक राइडर रही जो सबसे कम उम्र के प्रतिभागियों में से एक रही।
राइडर पलक के बोल
पलक ने बताया कि वह काफी छोटी उम्र से साइक्लिंग करती आई है और ऐसे में कई साइक्लिंग एक्सपीडिशन में ही हिस्सा लेती रही है लेकिन 18 साल की होने के बाद उन्होंने बाइक चलाना सीखा और अब बाइक की स्पीड को नियंत्रित करना उन्हें अलग ही कॉन्फिडेंस देता है।
पलक बताती है कि इससे पहले वह कई बार ऑफ रोड पर बाइक चला चुकी है लेकिन इस तरह की प्रतियोगिता में हिस्सा लेना और यहां बनाए गए ट्रैक पर बाइक चलना उनके लिए बेहद ही नया अनुभव रहा है। पलक बताती है कि बाइक राइडिंग से पहले उन्हें भी कई बार डर लगता था, साथ ही इस इवेंट में आने को लेकर भी उनके मन में कुछ घबराहट थी लेकिन बाइक राइडिंग से उन्हें एक नया कॉन्फिडेंस जिंदगी में मिलता है।
लड़कियों को दिया यह सन्देश
उनका सभी लड़कियों को भी यही संदेश है कि उन्हें जिंदगी में अगर रफ्तार से डर लगता है तो भी एक न एक बार जरूर इसे सीखना चाहिए। बाइक राइडिंग ज़िंदगी में एक नई तरह का कॉन्फिडेंस और इंडिपेंडेंस इंसान को देता है।
परिवार का रहा है सहयोग
पलक ने बताया कि उनके इस शौक को उनके परिवार द्वारा पूरा सहयोग किया जाता है। ऐसे में उन्हें बाइक राइडिंग करने में और भी जोश मिलता है। अभी पलक अंडर ग्रैजुएट स्टूडेंट है और साथ में अपने बाइक राइडिंग के शौक को भी पूरा कर रही है।
इवेंट के दौरान लोगों ने भी की हौसलाफजयी
पलक ने बताया कि यह उनका पहला इवेंट है। इसके पहले वह रोड पर और कुल्लू मनाली की ट्रेल पर बाइक चला चुकी है लेकिन रेसिंग के लिए बने इस तरह के टेक्निकल टर्न वाले ट्रैक पर बाइक चलना उनके लिए भी नया अनुभव था। उन्होंने बताया कि पहले दिन जब वह अपना लैप पूरा करने के लिए मैदान में गई तो उनकी स्पीड काफी कम थी, लेकिन अगले दिन तक उन्होंने ट्रैक को समझा और बेहतर प्रदर्शन किया।
इस दौरान भी उनके आसपास के लोगों और टीम मेट्स ने उनका हौंसला बढ़ाया। उन्होंने बताया कि उनके टीम के लोगों ने उन्हें कहा कि जब वह ट्रैक पर थी तो उनकी स्किल्स देख कर कोई पहचान नहीं पाया कि कोई लड़की बाइक राइड कर रही है। ऐसे में वह सब मेल राइडर्स के बीच का ही प्रदर्शन कर रही थी। जिससे कहीं न कहीं उनका कॉन्फिडेंस बढ़ा और उन्होंने इसे एक कॉम्प्लीमेंट के तौर पर लिया।