श्री अनन्दपुर साहब, सुभाष चंदेल
तेज धावक के नाम के साथ जाने जाते उड़ना सिक्ख मिलखा सिंह जो बीते दिनों स्वर्ग सिधार गए थे की अस्थियां आज श्री कीरतपुर साहब में स्थित गुरुद्वारा श्री पतालपुरी साहब के समीप दरिया सतलुज पर बने असथघाट में परिवारिक सदस्यों एंवऔर रिश्तेदारों की तरफ से नम आँखों के साथ जल परवाह कर दीं गई।
सब से पहले मिलखा सिंह जी की अस्थियों को गुरुद्वारा पतालपुरी साहब में एक काफ़िले के रूप में लाया गया।जहाँ अरदास करने के उपरांत हाजर संगतों की तरफ से सतनाम वाहिगुरू का जाप करते जल परवाह कर दीं गई। इसके उपरांत पारिवारिक सदस्यों की तरफ से गुरुद्वारा पतालपुरी साहब में नतमस्तक हो कर बिछड़ी आत्मा को अपने चरणों में निवास और परिवार को ईश्वरीय आदेश बख़शण की अरदास की गई।
यहाँ पर यह लिखना भी ज़रूरी है कि उड़ना सिक्ख मिलखा सिंह जो बीते दिनों इस फ़ानी संसार को अलविदा कह गए थे की मौत के बाद देश के साथ साथ विदेश में भी शौक की लहर पैदा हो गई थी और उन के परिवार और देश को कभी भी न पूरा होने वाला घाटा पड़ा था आज उनके परिवारिक सदस्यों जिन में गोल्फ खिलाड़ी पुत्र जीव मिलखा सिंह उन की दो पुत्रियों के साथ ओर परिवारिक सदस्य उन की अस्थियां ले कर गुरुद्वारा पतालपुरी साहब में जल परवाह करने के लिए पहुँचे हुए थे।
स्र. मिलखा सिंह का जन्म 20 नवंबर, 1929 को हुआ था जो एक भारतीय धावक थे, जिन्होंने 1960 को ओलम्पिक में रोम में और 1964 को ओलम्पिक में टोकियो में भारत की नुमायंदगी की थी। 2010 तक जब क्रिशना पूनम ने डिस्कस में कामनवैल्थ खेलों में भारत को सोनो का तगमा दिलाया था,
वह भारत के ऐसे अकेले अथलीट थे जिन्होंने भारत को अथलैटिक में व्यक्तिगत सोने का तगमा दिलाया था। मिलखा सिंह को खेलों में उन की प्राप्तियों के फलस्वरूप भारत का चौथा सब से वरिष्ठ नागरिक अवार्ड “पद्म श्री के साथ नवाजा गया था।
इस मौके उन के पुत्र,बेटियां एवं परिवारिक सदस्य भी मौजूद थे।