मनरेगा के तहत निर्माण के लिए मिलेंगे दो लाख, प्रदेश सरकार के प्रस्ताव पर केंद्र ने भरी हामी
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश में अब मनरेगा के तहत व्यक्तिगत भूमि पर डंगा बनाया जा सकेगा। प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह फैसला प्रदेश में हाल में आई भारी बरसात और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के बाद लिया गया है, ताकि ग्रामीण इलाकों में लोगों की भूमि को सुरक्षित किया जा सके और मिट्टी के बहाव को रोका जा सके।
ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक राघव शर्मा ने इस बारे में सभी उपायुक्तों-सह जिला कार्यक्रम समन्वयकों को आदेश जारी किए हैं कि वे तुरंत इस योजना पर काम शुरू करें। यह कार्य भूमि विकास की श्रेणी में शामिल होगा और इसे मनरेगा अधिनियम के तहत व्यक्तिगत लाभार्थियों के लिए किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने डंगा लगाने के लिए तकनीकी नक्शे, डिजाइन और दिशा-निर्देश तैयार किए हैं, जिन्हें भारत सरकार को भेजा गया था। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि कार्य की स्वीकृति और क्रियान्वयन के दौरान इन तकनीकी नियमों का सख्ती से पालन करें।
काम के दौरान 60:40 मजदूरी और सामग्री अनुपात का पालन अनिवार्य रहेगा। सामग्री का भुगतान केवल वास्तविक मजदूरी के अनुसार ही किया जाएगा। इसके साथ ही, कार्य की माप, भुगतान, लाभार्थियों का विवरण और भूमि रिकॉर्ड का पूरा दस्तावेजीकरण भी रखा जाएगा।
सभी उपायुक्तों, डीपीओ और बीडीओ को कहा गया है कि वे स्वीकृत कार्यों की नियमित निगरानी करें और प्रत्येक माह की प्रगति रिपोर्ट विभाग को भेजें। इस रिपोर्ट में स्वीकृत कार्यों की संख्या, लाभार्थियों की जानकारी और निर्माण की प्रगति दर्ज होगी।
इन नियमों का पालन होगा
योजना के तहत किसी भी व्यक्ति की भूमि पर डंगा स्वीकृत किया जाएगा। आपदा के समय ग्राम सभा की बैठक बुलाना संभव न होने पर उपायुक्त कार्यों को तुरंत स्वीकृत कर सकते हैं, जबकि ग्राम सभा, पंचायत समिति और जिला परिषद की औपचारिक मंजूरी बाद में ली जा सकती है। इस कार्य के लिए प्रत्येक व्यक्तिगत लाभार्थी पर अधिकतम दो लाख तक का खर्च कर किया जा सकेगा।