शाहपुर – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव केवल सिंह पठानिया ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा यूजीसी के सातवें वेतनमान को लगभग साढे 6 सालों से लागू न करने के विरोध में महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों का समर्थन किया है।
उल्लेखनीय है कि महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की मांगों में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करना, महाविद्यालय प्राचार्य पद के लिए पदोन्नति प्रक्रिया की पूर्णता, एम.फिल पीएच.डी की वेतनवृद्धि को बहाल करना , हिमाचल लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त किए गए प्राध्यापकों के अनुबंध काल को वित्तीय लाभ एवं वरिष्ठता देना आदि शामिल हैं।
पठानिया ने बताया कि यूजीसी वेतनमान देने के लिए 50 फीसदी अनुदान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग वहन करता है और प्रदेश सरकार को 50 फीसदी वहन करना पड़ता है। अगर सरकार ने यूजीसी वेतनमान लागू नहीं किए तो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की अनुदान राशि आना बंद हो जाएगी जिसका घाटा हिमाचल प्रदेश सरकार व महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों को उठाना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि यूजीसी वेतनमान देश के 27 राज्यों में लागू हो चुका है और वीजेपी शासित राज्यों में सिर्फ हिमाचल एक राज्य बचा है जिसमें यूजीसी वेतनमान लागू नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा नीति को लागू कर रही है और दूसरी तरफ उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।
कांग्रेस पार्टी सरकार से मांग करती है कि महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों की सातवें वेतन आयोग व अन्य उचित मांगों को शीघ्रातिशीघ्र पूरा किया जाए।
पठानिया ने बताया कि अगर शिक्षकों की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों के समर्थन में सड़कों पर उतरेगी और महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों की इन मांगो को चुनावी घोषणापत्र में शामिल करेगी और प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर इन्हें लागू करेगी।