पंजाब – भुपिंद्र सिंह राजू
पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। पंजाब सरकार ने राज्य भर के 424 वीआईपी लोगों को दी गई सुरक्षा वापस लेने का ऐलान किया है।
इसमें रिटायर्ड पुलिस अधिकारी, धार्मिक नेता और राज नेता शामिल हैं। सीएम भगवंत मान ने कहा कि उक्त लोगों को मुहैया कराई गई सुरक्षा तत्काल प्रभाव हटाई जाए।
पंजाब में 424 लोगों की सुरक्षा तत्काल प्रभाव से हटा ली गई है। इसमें पूर्व विधायक, दो तख्त के जत्थेदार, डेराओं के मुखिया और पूर्व पुलिस अधिकारी शामिल हैं।
अडिशनल डीजीपी (सुरक्षा) ने कहा कि आकस्मिक कानून-व्यवस्था ड्यूटी के संबंध में अस्थायी रूप से सुरक्षा वापस ली जा रही है।
इन लोगों की सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों को सामान्य ड्यूटी पर तैनात किया गया है। संबंधित पुलिस कर्मियों को आज जालंधर कैंट में विशेष पुलिस महानिदेशक राज्य सशस्त्र पुलिस, जेआरसी को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।
समीक्षा बैठक में लिया गया फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भगवंत मान सरकार ने एक समीक्षा बैठक की थी जिसमें इस बार पर विचार किया गया था कि जिन लोगों को सुरक्षा दी गई है क्या वाकई उन्हें जरूरत है या नहीं।
इसके बाद राज्य सरकार ने सुरक्षा में कटौती के आदेश जारी किए हैं। सुरक्षा वापस लिए जाने की एक वजह पंजाब पुलिस में कर्मचारियों की कमी बताई जा रही है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षाकर्मियों की जरूरत है।
वीआईपी सुरक्षा में काफी खर्च
पंजाब सरकार को वीआईपी सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की ड्यूटी पर काफी खर्च उठाना पड़ रहा है। इससे पहले भी मार्च महीने में भगवंत मान सरकार ने कई विधायकों और पूर्व विधायकों व नेताओं की सुरक्षा हटाकर पुलिस कर्मचारियों को वापस बुलाया था।
राज्य सरकार के इस कदम से काफी बचत होने की उम्मीद है और इससे पुलिस बल में अधिक जवानों को कमी को भी दूसरे किया जा सकेगा।
एक के बाद एक बड़े फैसले
आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी कहा था कि पार्टी सत्ता में आई तो वीआईपी को दी गई सुरक्षा वापस ली जाएगी या उसमें कटौती की जाएगी।
सत्ता संभालते ही भगवंत मान सरकार एक के बाद एक कई बड़े फैसले लेने के कारण सुर्खियों में बनी हुई है। पिछले दिनों 1 फीसदी कमीशन मांगने के आरोप में स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को पद से बर्खास्त कर दिया गया था।