लंबी जद्दोजहद के बाद नूरपुर में खुले बिजली बोर्ड के परिचालन वृत्त (सर्किल) पर कांग्रेस के सत्ता में आते ही ताला जड़ दिया गया। डलहौजी सर्किल के वर्क लोड को कम करके नूरपुर, इंदौरा, जवाली और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के मद्देनजर नूरपुर में खोले गए इस परिचालन वृत्त को महज छह माह के भीतर ही बंद कर दिया गया।
नूरपुर – देवांश राजपूत
हिमाचल प्रदेश में जनता की सहूलियत के लिए खोले गए सरकारी कार्यालय बंद होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन्हें घरद्वार पर मिल रही सुविधाओं से महरूम होना पड़ रहा है। लंबी जद्दोजहद के बाद नूरपुर में खुले बिजली बोर्ड के परिचालन वृत्त (सर्किल) पर कांग्रेस के सत्ता में आते ही ताला जड़ दिया गया।
डलहौजी सर्किल के वर्क लोड को कम करके नूरपुर, इंदौरा, जवाली और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्रों के लोगों की सुविधा के मद्देनजर नूरपुर में खोले गए इस परिचालन वृत्त को महज छह माह के भीतर ही बंद कर दिया गया। वहीं, इस कार्यालय के सुचारु रूप से संचालन के लिए अधीक्षण अभियंता (एसई) समेत 16 स्टाफ पदों की स्वीकृति के साथ आधारभूत ढांचे के लिए बाकायदा बजट भी जारी कर दिया गया था।
वर्षों बाद मिली सौगात को छीन लिया : अशोक
सहूलियत के लिए बहाल हो सर्किल कार्यालय : हरदीप
आर्थिक बोझ घटाने के लिए सरकार का सही फैसला : सुदर्शन
राकेश पठानिया, पूर्व वन मंत्री के बोल
नूरपुर में बिजली बोर्ड का सर्किल कार्यालय आधारभूत ढांचा जुटाने, बजट प्रावधान और स्टाफ के पदों की स्वीकृति के बाद ही खोला गया था। इससे नूरपुर समेत जवाली, इंदौरा व फतेहपुर चारों विधानसभा क्षेत्रों की जनता को फायदा मिलना था। नई सरकार ने छह माह के भीतर ही इसे बंद कर दिया। –
रणवीर सिंह निक्का, नूरपुर के विधायक के बोल
पूर्व भाजपा सरकार ने नूरपुर में सर्किल कार्यालय खोलकर चारों विस क्षेत्रों के लोगों को बड़ी राहत दी थी। इससे पहले लोगों को डलहौजी जाना पड़ता था, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आते ही इसे डिनोटिफाइड कर दिया। जनहित में सरकार को इसे तुरंत बहाल करना चाहिए।