नहीं सह सकी बेटी के जाने का गम, 20 दिन बाद मां ने भी चुनी मौत।
सिरमौर – नरेश कुमार राधे
एक मां के लिए अपनी संतान को खोने का दर्द असहनीय होता है। इसी पीड़ा में डूबी एक मां ने भी अपनी जिंदगी खत्म कर ली।
नाहन के उपरली टोली क्षेत्र में शनिवार को बेहद ही दुखद घटना सामने आई, जहां 36 वर्षीय कल्पना पत्नी शिवा जोशी ने किराये के कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।
दुखद पहलू यह है कि 20 दिन पहले ही कल्पना की 14 वर्षीय बेटी ने भी इसी तरह फंदा लगाकर अपनी जान दे दी थी।
शनिवार दोपहर गुन्नूघाट पुलिस चौकी को दर्दनाक घटना की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
प्रारंभिक जांच में कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे यह साफ नहीं हो सका कि कल्पना ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।
बताया जा रहा है कि यह परिवार नेपाल से ताल्लुक रखता है और लंबे समय से नाहन में किराये के मकान में रह रहा था। 20 जनवरी को कल्पना की बेटी की आत्महत्या ने उसे अंदर से तोड़ दिया था।
शायद वह इस सदमे को सहन नहीं कर पाई और अपनी बच्ची के बिना जीवन जीने की हिम्मत खो बैठी। अब सवाल यह है कि आखिर वह कौन-सा दर्द था, जो इस परिवार को धीरे-धीरे खत्म कर गया? क्या समाज या प्रशासन समय रहते इस परिवार की पीड़ा समझ सकता था?
इस हृदय विदारक घटना से नाहन शहर के साथ साथ नेपाली समुदाय में शोक की लहर है। लोग स्तब्ध हैं कि एक परिवार की खुशियां यूं पलभर में उजड़ गईं।
वहीं, मृतका के पति शिवा जोशी पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, जिन्होंने पहले अपनी बेटी और अब पत्नी को हमेशा के लिए खो दिया।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा के बोल
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेश रोल्टा ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले की गहनता से जांच जारी है। लेकिन एक सवाल हर किसी के मन में कौंध रहा है—क्या कल्पना को बचाया जा सकता था? क्या हम समय रहते उसकी पीड़ा को समझ पाते तो आज एक जिंदगी बच सकती थी?