व्यूरो, रिपोर्ट
Magha Gupta Navratri 2021: माघ माह, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 12 फरवरी से 21 फरवरी रविवार तक गुप्त नवरात्र मनाई जाएगी। कलश स्थापना मुहूर्त सुबह 8:34 से 9:59 बजे तक व अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:13 से 12:58 बजे तक की जा सकती है। इस बार माघ नवरात्रि दस दिनों की होगी। क्योंकि 17 व 18 फरवरी को दोनों दिन षष्टी तिथि रहेगी। गुप्त नवरात्रियों में मां भगवती की पूजा की जाती है।
गुप्त नवरात्रियों का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्रियों से ज्यादा होता है। ज्योतिषाचार्य अंशुल दीक्षित ने बताया कि माघ गुप्त नवरात्र को खासतौर से तंत्र-मंत्र और सिद्धि-साधना आदि के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस नवरात्र में व्यक्ति ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करते है। इस समय की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है।
साल में चार नवरात्र को खास माना गया है, लेकिन साल की दो नवरात्रि को ही अधिकांश लोग जानते हैं, जो चैत्र और शारदीय नवरात्र कहलाते है। वहीं इन दो नवरात्र के अलावा भी दो नवरात्र होते है, जिन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है। यह गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में आते हैं। माघ महीने में पड़ने के कारण इन नवरात्र को माघी नवरात्र भी कहा जाता है।
गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरुपों के साथ-साथ दस महाविद्यियाओं की भी पूजा का विशेष महत्व है। ये दस महाविद्याएं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी हैं। क्योंकि इस दौरान मां की आराधना गुप्त रुप से की जाती है।
इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। गुप्त नवरात्र में माता की शक्ति पूजा एवं अराधना अधिक कठिन होती है इस पूजन में अखंड जोत प्रज्वलित की जाती है। सुबह एवं संध्या समय में देवी की पूजा अर्चना करना होती है। नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशति का पाठ किया जाता है। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत पूर्ण होता है
10 दिन मनेगी माघ गुप्त नवरात्री
– 12 फरवरी प्रतिपदा मां शैलपुत्री, घटस्थापना।
– 13 फरवरी मां ब्रह्मचारिणी देवी पूजा।
– 14 फरवरी मां चंद्रघंटा देवी पूजा।
– 15 फरवरी मां कुष्मांडा देवी पूजा।
– 16 फरवरी तिथि मां स्कंदमाता देवी पूजा।
– 17 एवं 18 फरवरी षष्ठी तिथि मां कात्यानी देवी पूजा।
– 19 फरवरी सप्तमी तिथि मां कालरात्रि देवी पूजा।
– 20 फरवरी अष्टमी तिथि मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी।
– 21 फरवरी नवमी मां सिद्धिदात्री, व्रत पारण।