न्यायालय की अनुमति के बिना तैयार नहीं होगा अंतिम परिणाम
शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने जेबीटी अध्यापकों की भर्ती के अंतिम परिणाम की घोषणा करने पर रोक लगा दी है। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने भर्ती नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात आदेश दिए कि शिक्षा विभाग हालांकि काउंसिलिंग प्रक्रिया जारी रख सकता है, लेकिन अंतिम परिणाम न्यायालय की अनुमति के बिना तैयार नहीं किया जाएगा।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि हिमाचल प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षा विभाग में जूनियर बेसिक ट्रेनिंग टीचर्स के पद के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार, जेबीटी के पदों पर सीधी भर्ती हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश के माध्यम से 50 प्रतिशत तथा संबंधित जिले के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के माध्यम से बैचवार आधार पर 50 प्रतिशत के माध्यम से भरा जाना आवश्यक है जबकि शिक्षा विभाग ने बैचवाइज कोटे में शारीरिक रूप से दिव्यांग कोटे के लिए दिए जाने वाले आरक्षण की अनदेखी करते हुए सीधी भर्ती के माध्यम से उक्त श्रेणी के पदों को 100 प्रतिशत भरने की कार्यवाही शुरू की है।
कोर्ट ने आर एंड पी नियमों के खंड दस का अवलोकन करने के बाद पाया कि जेबीटी शिक्षक के 50 फीसदी पदों को कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश के माध्यम से अनुबंध के आधार पर सीधी भर्ती द्वारा भरा जाना आवश्यक है, जबकि शेष पद 50 फीसदी संबंधित जिले के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के माध्यम से बैचवार आधार पर भरे जाने हैं।
कोर्ट ने कहा कि चूंकि सभी श्रेणियों के पदों को आरएंडपी नियमों के आधार पर भरा जाना है, इसलिए शारीरिक रूप से दिव्यांगों की श्रेणी में उपलब्ध पद को भी आरएंडपी नियमों के अनुसार भरा जाना आवश्यक है। कोर्ट ने प्रथम दृष्टया पाया कि इस मामले में प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने जो शारीरिक रूप से दिव्यांग श्रेणी के तहत जेबीटी के नियमित पदों पर नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग के लिए उम्मीदवारों को आमंत्रित करने की कार्यवाही की है, वह आरएंडपी नियमों के अनुसार नहीं है।