शिमला, जसपाल ठाकुर
बजट पेश होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है कि इस बार का बजट जान है तो जहांन है को परिभाषित करता है। परन्तु उन्होने देशवासियों को यह नहीं बताया कि इस बेजान बजट में किस का जान बचेगी और किस का जहांन बसेगा।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि बजट आम आदमी की उम्मीदों का सहारा होता है। बजट के सहारे ह ीवह अपने परिवार का लेखा जोखा तैयार करता है परन्तु केन्द्र सरकार ने तो कारपोरेट घरानों का ही खुश करने का लक्ष्य ले रखा है तभी तो इस बार के बजट में आम आदमी को न तो टेक्स में छूट दी, न महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कोई विशेष पैकेज का प्रावधान दिखा। उन्होने कहा कि बजट में न ही विकास के लिए कोई मूल मंत्र दिखा। धांटा ने कहा कि बजट में केवल हवाई बातों का जुमला, देश को बेचने और कर्ज में डुबोने का मंत्र दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कोरोनाकाल में लाखों लोगों को अपनी नौकरी, व्यवपार से हाथ धोना पड़ा, उन्हें उम्मीद थी कि इस बजट में उनके लिए केन्द्र सरकार के पिटारें में कुछ खास होगाा। परन्तु मोदी सरकार को ये जनता तब याद नहीं आई जब कोरोनाकाल में आरम्भिक दिनों में भूखे पेट सड़कों पर जिंदगी और मौत से लड़ रहे थे।
उन्होने कहा कि आंकड़ों को बहुत ही सफाई से प्रस्तुत करने में माहिर मोदी सरकार जमीनी हकीकत से बहुत दूर है और अपने अहंकार के चलते जनता की भावनाओं से खेलना मोदी सरकार की नीयती बन गई है। यही कारण है कि आज मोदी सरकार के बुनियादी जनविरोधी निर्णयों का घर के चूल्हें चैके तक ब्यापक असर दिख रहा है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस बेजान बजट से लगता है कि न तो देश में आम लोगों का जान बचेगी और न ही किसी का जहांन बसेगा। बजट में मात्र चुनावी हित को ध्यान में रख कर उन राज्यों को प्रलोबन दिये गये हैं जहां आने वाले कुछ महीनों में चुनाव होने है।
किरण धांटा नें बजट में हिमाचल की अनदेखी के आरोप लगाते हुये कहा कि मोदी सरकार इस प्रदेश के भोले भाले लोगों के साथ हमेशा धोखा किया है। उन्होने कहा कि इस प्रस्तुत बजट से आने वाले दिनों में मंहगाई और ज्यादा बढ़ेगी और आम लोगों का जीवन यापन बहुत मुश्किल हो जाएगा।