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स्कूल शिक्षा बोर्ड की किताबो का सिलेबस 3 माह में हो जाता है खत्म, पूरा साल क्या करेंगे बच्चे पढ़ाई, शिक्षा को सीमित रखना चाहती है सरकार ,सीबीएससी , आई .सी .एस. ई. व अन्य सभी शिक्षा बोर्डज के पढाई को करे एक समान

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व्यूरो- रिपोर्ट

हिमाचल प्रदेश निजी स्कूल मालिको ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है निजी स्कूल एसोसिएशन की बैठक में जिला कांगड़ा के निजी स्कूलों के मालिको ने बैठक की ओर स्कूलों में आ रही समस्याओं के बारे में चर्चा की ।

स्कूल मालिको का कहना है कि सरकार ने स्कूलों को लूट का साधन बना रखा है , 2 साल से स्कूल की बसें खड़ी है अब सरकार स्कूल खोलने जा रही है तो अब बसें भी चलेगी लेकिन बसें चलाने से पहले सरकार को टैक्स देने की बात आ रही है तो 2 साल का भी टैक्स लेने की बात की जा रही है ।

जबकि 2 साल सरकार के आदेशों के अनुसार बसे खड़ी रही , एसोसिएशन के अध्यक्ष जसवन्त डडवाल व उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया का कहना है कि सरकार से कई बार इस मुद्दे को लेकर बात की गई लेकिन सरकार से आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला ।

अगर अब स्कूल सन्चालक स्कूल खुलने पर अपनी एक बस को चलाने की सोचता है तो उसके ऊपर पासिंग , सभी प्रकार के टैक्स , इन्शयोरेंस व गाडी को अनुरक्षण आदि के ऊपर करीव डेढ से दो लाख रुप​ए खर्च करेगा , जो कि मुश्किल ही नही असंभव भी है । अब हमारे पास कोर्ट का रास्ता है और हम सरकार के खिलाफ कोर्ट जा रहे है , ऐसा सभी स्कूल -सन्चालको ने इस बैठक में निर्णय लिया ।

वही उन्होंने कहा कि सरकार स्कूल शिक्षा बोर्ड की किताबें हमपर थोप रही है और इसी के अनुसार पढ़ाई करवाने की बात कही जा रही है । जबकि स्कूल शिक्षा बोर्ड के सिलेबस स्कूल के बच्चे 3 माह में पूरा कर लेते है , फिर पूरा साल बच्चो को क्या पढ़ाई करवाई जाए ।

उन्होंने कहा कि शिक्षा की कोई सीमा नही होती ओर सरकार आम आदमी के बच्चे जिन स्कूलों में पढ़ रहे है उनकी शिक्षा को सीमित करना चाहती है , वही उन्होंने कहा कि नेताओ व बड़े अधिकारियों के बच्चे बड़े स्कूलों में पढ़ते है और वहां शिक्षा की कोई सीमा नही । लेकिन गरीब परिवार के बच्चो के लिए शिक्षा की सीमा रखी जा रही है जिसके खिलाफ़ भी हम कोर्ट जाएंगे ।

अभी हाल ही में शिक्षा बोर्ड द्वारा कक्षा नवमी से बारहवी तक के दो टर्म वाली परीक्षा पर भी निजी स्कूल सन्चालको ने विरोध किया व सरकार से इसे अगले शैक्षणिक -सत्र से लागू करने की बात कही ।

अध्यक्ष ने कहा कि सरकार अभी परीक्षाएं लेने जा रही है और जिसके लिए स्कूल से अलग से फीस मांगी जा रही है । जबकि सरकारी स्कूलों के विरोध के बाद उन्हें इससे बाहर रखा गया है तो निजी स्कूलों पर फीस देने का दवाब बनाया जा रहा है जिसका हम विरोध करते है । सरकार ने अपना ये फैसला वापिस नही लिया तो हम सरकार के खिलाफ कोर्ट जाएगे ।

बैठक में विभिन्न निजी स्कूल मालिको ने सरकार के स्कूल खोलने के फैसले को भी सराहा व नर्सरी से सातवीं तक की कक्षाओं के स्कूल भी जल्द से जल्द खोलने के लिए सरकार से गुहार लगाई ।

इस बैठक में जिला कांगडा निजी स्कूल संगठन के अध्यक्ष जसवन्त डडवाल , जिला कांगडा निजी स्कूल संगठन के उपाध्यक्ष सुशवीन पठानिया , मुख्य सलाहकार नरेन्द्र मनकोटिया , फिनजा कोषाध्यक्ष अजय पठानिया , संयुक्त सचिव संदीप पराशर , सचिव मलकीयत सिह , सचिव राजीव सिह , सचिव अन्कुश जरियाल , लिटिल एंजल स्कूल से अजय जम्वाल , स्पेक्ट्रम स्कूल पालमपुर से रमन अवस्थी , पब्लिक स्कूल फतेहपुर से वीरेन्द्र मुन्ना , आधुनिक स्कूल , जसूर से निर्मल ठाकुर , सुनित गुलेरिया , हरबन्स कौन्डल , अनुपम मेहरा , संजीव सिह, शिवदेव सिह , संजय राणा व जिला कांगडा के बहुत सारे एजुकेशन ब्लाॅक के करीव 50पदाधिकारी विशेष रुप से उपस्थित रहे ।

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