मंडी – अजय सूर्या
छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी शहर में देव दीपावली का पर्व बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सामूहिक आयोजन ब्यास नदी के तट पर डुगलेश्वर घाट पर ब्यास आरती कमेटी द्वारा किया गया। इस आयोजन में नगर निगम मंडी के कमीशनर एचएस राणा सहित बड़ी संख्या में शहर वासियों ने भाग लिया और ब्यास नदी के तट पर व डुगलेश्वर महादेव मंदिर के पास 1100 दीए जलाए।
बाबा भूतनाथ मंदिर के पुजारी महंत देवानंद सरस्वती के बोल
बाबा भूतनाथ मंदिर के पुजारी महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि दंत कथाओं के अनुसार एक बार धरती पर त्रिपुरासुर नामक राक्षस का आतंक बहुत ज्यादा बढ़ गया। उसके आतंक से मानवों सहित देवता भी बहुत ज्यादा त्रस्त थे। ऐसे में सभी देवताओं ने भगवान शिव की शरण में जाकर राक्षस के वध की गुहार लगाई।
भगवान शिव ने देवताओं की गुहार पर राक्षस का वध करके सभी को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। राक्षस का वध करने के बाद जब भगवान शिव वापिस काशी पहुंचे थे तो सभी मानवों और देवताओं ने दीए जलाकर उनका भव्य स्वागत किया था। तभी से ही देव दीपावली मनाने की परंपरा चली आ रही है।
ऐसा बताया जाता है कि देव दीपावली का पर्व को मनाने की परंपरा आमतौर पर मनाई जाने वाली दीपावली से भी पहले की है। इस पर्व को उत्तर मध्य भारत में अधिक संख्या में मनाया जाता है।