चिट्टे के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पंचायतों में लगेगी पुलिस कांस्टेबलों की ड्यूटी

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शिमला – नितिश पठानियां

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पुलिस भर्ती में पहली स्टेज पर ही चिट्टा के लिए डोप परीक्षण अनिवार्य होगा। इसमें मुख्यतया चिट्टा का ही टेस्ट किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री गुरुवार को शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे।

सीएम ने कहा कि चिट्टे के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पांच से छह पंचायतों में एक पुलिस कांस्टेबल, एक आशा वर्कर व एक पंचायत सचिव की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके बाद अगले चरण में भांग के नशे को लेकर भी कार्रवाई होगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने पहली बार पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट लागू किया है। इसके तहत जिस पर भी चिट्टे को लेकर शक होगा और पहले से ही वह नशे के कारोबार में संलिप्त होगा, उसे हिरासत में लिया जाएगा। चिट्टे से बनाई गई संपत्ति को लेकर भी कानून के दायरे में आगामी दिनों में फैसला लिया जाएगा।

चिट्टे के सेवन, तस्करी में संलिप्त सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा कि नशे को लेकर समाज को जागरूक होना पड़ेगा तभी हम सब मिलकर इस पर लगाम लगा सकते हैं।

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