बिलासपुर – सुभाष चंदेल
हम आपको चिट्टे की गिरफ्त में आए एक युवा की खौफनाक सच्चाई से रूबरू करवा रहे हैं। हमारा मकसद सिर्फ युवाओं को नशे के जंजाल से बचाना और उनके परिवार को जागरूक करना है।
जिले के एक पिता ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि मेरा बेटा तो नशे में इतना डूब गया था कि अपनी जान तक देने को उतारू हो गया था। हर तीसरे दिन किसी न किसी बहाने से पांच-पांच हजार रुपये चिट्टा खरीदने के लिए ले जाता था।
जब पता चला कि बेटा नशा कर रहा है तो उसे पैसे देने बंद कर दिया। किसी तरह कुछ दिन बच्चे ने अपने नशे का खर्च चलाया। लेकिन एक दिन जब पैसे नहीं मिले और नशा भी न मिला तो मुझे फोन किया कि अब मैं जिंदा नहीं रह सकता, आत्महत्या करने जा रहा हूं।
पिता ने बेटे को जैसे-तैसे आत्महत्या करने से रोका। पिता ने नम आंखों से बताया कि उस समय लगा जैसे पूरी दुनिया खत्म हो रही हो। कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और बेटे के साथ दोस्ती पूर्ण व्यवहार किया।
उसे खुद चिट्टा खरीदने के लिए पैसे दिए और हर दिन उसकी मात्रा कम करवाता गया। बाद में उसे बाहरी राज्य के बड़े अस्पताल में भर्ती करवाया। उसका पूरा साथ दिया। उसके दोस्त बदल दिए, उस पर नजर रखी। उसे प्रोत्साहित किया और आज मेरा बेटा ठीक है।
घर परिवार की जिम्मेदारियां निभा रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे के साथ अगर परिवार हो, हर मौके पर उसका साथ दे तो बच्चे को इस दलदल से निकाल सकते हैं। बस हिम्मत, संयम और दृढ़ निश्चिय की जरूरत है।
पंजाब से सटा होने से आसानी से पहुंच रहा चिट्टा
बिलासपुर जिले की सीमाएं पंजाब से सटी हैं। ऐसे में यहां आसानी से चिट्टा पहुंच रहा है। यहां पकड़े जाने का जोखिम भी कम है। यही कारण है कि शिमला, ऊना के अलावा बिलासपुर में भी चिट्टा तस्कर जड़ें पसार चुके हैं।
पुलिस की लापरवाही, सूचना पर कार्रवाई न होने और राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर नशा तस्करों का बचना भी इस नशे के फैलने का सबसे बड़ा कारण है। इनमें माता-पिता, आम लोगों, जनप्रतिनिधियों, विधायकों समेत हर किसी को पुलिस की मुहिम का साथ देना होगा, इसके खात्मे के लिए कड़े प्रयास करने होंगे, तभी मुहिम रंग लाई जाएगी।
ग्राम पंचायत प्रधान ओयल दिनेश कुमार के बोल
हम बिलासपुर को नशा मुक्त करने के अभियान में मुहिम के साथ हैं। पंचायत स्तर पर जो भी युवाओं को नशे से बचाने के प्रयास होंगे हम मिलकर करेंगे। नशे का व्यापार करने वालों के खिलाफ हर संभव कार्रवाई पंचायत स्तर पर होगी। जिले में नशे की बढ़ती प्रवृति से कई घरों के चिराग खतरे में हैं। इन बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए समाज को एक साथ आना आवश्यक है।