चम्बा – भूषण गुरुंग
हर साल की भांति इस वर्ष भी रानी सुनेयना की याद में सुहीमांता का मेला आज से शुरू हो रहा है। यह मेला चैत्र नवरात्रों के मध्यांतर ही आता है और यह मेला तीन दिनों तक चलता है।
बताते चले कि चंबा के राजा साहिल वर्मन ने जब चंबा की रियासत को बसाया था चंबा में पानी की कमी बहुत थी। एक दिन राजा को स्वपन आया जिसमे मां शक्ति ने बताया आपकी प्रजा को पानी तभी मिल सकता है जब राज परिवार से किसी एक व्यक्ति की बलि दी जाएगी ऐसा सुनकर राजा साहिल वर्मन उदास रहने लगा।
इस बीच यहां के लोगों ने चंबा से प्लाएंन करना शुरू कर दिया था। ऐसा देखकर राजा और भी बेहद परेशान रहने लगा रानी ने जब उनकी इस उदासी का कारण पूछा तो राजा ने सारी वारदात अपनी रानी सुनेना को बताई।
तो रानी सुनैना ने सोचा की अगर राज परिवार से अगर राजा की बलि दी जाती है तो राज सिहासन को कोन संभालेगा,और अगर बेटे की बलि दी जाती है तो आगे राजवंश कैसे चलेगा तो उन्होंने अपनी ही बलि देने का फैसला लिया।
आज के ही दिन रानी सुनैना को मलुला नामक स्थान पर जिंदा ही दफना दिया गया और रानी सुनैना की याद में यह मेला हर साल चैत्र महीने में आज के ही दिन शुरू होता है और यह मेला तीन दिनों तक चलता है।
आपको बता दे कि यह मेला केवल महिलाओं के लिए ही बनाया गया है और खासकर महिलाए ही मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करती हुई पाई जाती है।