सैदपुर के करंडा थाना क्षेत्र के एक गांव के युवक का विवाह 11 जून को तय था। छह महीने पहले लड़की पक्ष ने तिलक चढ़ाया था और 11 जून को बरात पहुंची। रात में रीति-रिवाज के साथ विवाह सम्पन्न कराया गया।

जयमाल और सात फेरे के बाद सुबह खिचड़ी की रस्म के दौरान दूल्हे से उसकी सालियां और साले हंसी मजाक कर रहे थे। एक साली ने उससे प्रधानमंत्री का नाम पूछा, लेकिन वह प्रधानमंत्री का नाम नहीं बता पाया। इसके बाद तो लड़की के परिवार के लोग लड़के को मंदबुद्धि बताने लगे।

लड़के के पिता का आरोप है कि लड़की पक्ष के लोगों ने बड़े लड़के को मंदबुद्धि बताते हुए असलहे के दम पर छोटे बेटे से लड़की की शादी करा दी। छोटे पुत्र की उम्र भी अभी कम है। हम लोग डर के मारे उक्त शादी को मान्यता देते हुए बहू को लेकर घर आ गए।

इसके बाद अचानक लड़की पक्ष के लोग मेरे घर आ गए और बहू की विदाई का दबाव बनाने लगे। मना करने पर जबरदस्ती बहू को खींच कर ले जाने लगे। 112 नंबर पर सूचना दी गई। कोतवाल वंदना सिंह ने कहा कि लड़के पक्ष की शिकायत पर लड़की पक्ष को बुलाया गया था, पर वे नहीं आए।