हिमखबर डेस्क
इस वक्त देश में जिसने सबसे ज्यादा टेंशन बढ़ाई है, वह है हार्ट अटैक। दिल के दौरों से पहले भी मौतें होती थीं, लेकिन यह मौतें ज्यादातर बुजुर्गों में देखी जाती थीं। मौजूदा समय में बच्चों से लेकर नौजवान हार्ट अटैक से जानें गवां रहे हैं। पिछले चार-पांच सालों में हार्ट अटैक से मौतों का आंकड़ा सबसे ज्यादा युवाओं का है।
ऐसे में पूरा भारतवर्ष सोच रहा है कि आखिर हार्ट अटैक के इतने केस आ क्यों रहे हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारणा जो आम जनता मान रही है वह है कोरोना वैक्सीन। देशभर में यह चर्चा है कि जबसे कोरोना की वैक्सीन लगाई गई है, तब से हार्ट अटैक के मामलों में इजाफा हो गया है और युवाओं में हार्ट अटैक से मौत का कारण भी कोविड वैक्सीन है।
अब यह धारणा तो जनता में है। अब क्या सचमुच हार्ट अटैक का कारण कोविड वैक्सीन ही है। इसी को लेकर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और एम्स की ओर से एक स्टडी करवाई गई, जिसमें चौंकाने वाले वाले खुलासे हुए हैं।
स्टडी में क्या निकला
स्टडी में पाया गया है कि कोविड वैक्सीन का हार्ट अटैक से कोई लेना-देना नहीं है। यही नहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया है कि वैक्सीन और हार्ट अटैक का कोई लिंक नहीं है। उन्नीस राज्यों और केंद्रीय साशित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में की गई स्टडी में यह खुलासा हुआ है।
यह स्टडी मई से लेकर अगस्त 2023 के बीच उन लोगों पर की गई, जो पूरी तरह स्वस्थ थे, लेकिन उनकी मौत हार्ट अटैक से हो गई। यह मौतें 2021 से मार्च 2023 के बीच हुई हैं। स्टडी में पता चला है कि युवाओं में हो रहे हार्ट अटैक का कोविड वैक्सीन से कोई लिंक नहीं है, बल्कि इसके अन्य कारण हैं।