केसीसी बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर 20 करोड़ की लोन धोखाधड़ी, एफआईआर दर्ज

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ऊना – अमित शर्मा

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक व्यक्ति पर कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (केसीसीबी) के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर 20 करोड़ रुपये का फर्जी तरीके से लोन लेने और धोखाधड़ी किए जाने का मामला सामने आया है। मामले में राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच पूरी होने के बाद अब विजिलेंस ने आरोपी व्यक्ति, बैंक अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है।

जानकारी के अनुसार मैसर्स हिमालय स्नो विलेज और मैसर्स होटल लेक पैलेस के मालिक युद्ध चंद बैंस पर आरोप हैं कि उसने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (केसीसीबी) के अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी तरीके से करोड़ों रुपये के लोन लिए।

दिशा-निर्देशों की भी खुलेआम अवहेलना हुई

इस दौरान बैंक के अधिकारियों ने अपनी स्वयं की ऋण नीतियों के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के दिशा-निर्देशों की भी खुलेआम अवहेलना की। इस मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार के सचिव (सहकारिता) से प्राप्त शिकायत और राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसवी एंड एसीबी) की जांच पूरी होने के बाद विजिलेंस ने केस दर्ज किया है।

विजिलेंस के अफसर ने बताया कि मामले की जांच जारी है। जल्द आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। इस धोखाधड़ी को किन तरीके से अंजाम दिया गया और कितने लोग इसमें शामिल हैं, उससे जुड़े कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं। जल्द ही मामले में और खुलासे होंगे।

एसवीएन कॉलेज तरक्वाड़ी के रिकॉर्ड को खंगालेगी विजिलेंस

उधर, एजुकेशन हब हमीरपुर के भोरंज क्षेत्र के एसवीएन कॉलेज ऑफ एजुकेशन तरक्वाड़ी पर शिक्षा बोर्ड की ओर से एक लाख के जुर्माने लगाने और विभागीय जांच पूरी होने के बाद अब विजिलेंस ने भी केस दर्ज कर लिया है। बीते वर्ष सितंबर में संस्थान पर फर्जी अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र तैयार कर हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन (डीईएलईडी) की संबद्धता प्राप्त करने के आरोप लगने पर बड़ी कार्रवाई की गई थी। बोर्ड की ओर से इस मामले में संस्थान को एक लाख का जुर्माना लगाया गया था, जबकि अब विजिलेंस ने भी प्रारंभिक जांच कर संस्थान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

संस्थान के तमाम रिकॉर्ड की जांच की जाएगी

अब संस्थान के तमाम रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। प्रारंभिक जांच के बाद विजिलेंस ने धोखाधड़ी, धोखाधड़ी के लिए जालसाजी, फर्जी दस्तावेज का उपयोग और आपराधिक षडयंत्र रचने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। बीते वर्ष सितंबर में प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को एक शिकायत मिली थी। इसमें आप से संबंधित फर्जी एनओसी दस्तावेज के इस्तेमाल का शक जाहिर किया गया था।

कुलभूषण वर्मा, एसपी विजिलेंस मंडी के बोल

फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन की संबद्धता लेने पर संस्थान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस मामले में आगामी जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाने पर विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

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