परागपुर – आशीष कुमार
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय वेदव्यास परिसर में ब्रह्मा श्री वंशी कृष्ण घनपाठी द्वारा वेद विषय पर विशिष्ट व्याख्यान संपन्न हुआ ।इस अवसर पर ब्रह्मा श्री वंशी कृष्ण घन पाठी ने वेदों, उपनिषदों, ब्राह्मण एवं आरण्यक ग्रथों के विषय में विस्तृत व्याख्यान दिया।
उन्होंने बताया कि भगवान वेदव्यास ने सभी लोगों को सरलता पूर्वक वेद अध्ययन कर सकें, इसलिए वेदों का अलग अलग विभाग किया। उन्होंने बताया कि ज्ञान में बहुत शक्ति होती है किंतु उस शक्ति का उपयोग ठीक ढंग से करना चाहिए। किसी भी प्रकार का ज्ञान निरर्थक नहीं होता है ज्ञान का प्रयोग करने वाला व्यक्ति भाव शुद्ध होना चाहिए ।
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को संस्कृत शास्त्र -वेद ,पुराण ,उपनिषद आदि का अध्ययन हेतु प्रेरित किया। आचार्य श्री ने वेद पाठ विकृति के अंतर्गत जटा पाठ एवं घन पाठ का अभ्यास कराया।
इस अवसर पर परिसर के निदेशक प्रोफेसर मदन मोहन पाठक ने आचार्य श्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि आचार्य श्री विविध शास्त्रों के मर्मज्ञ हैं आचार्य वंशी कृष्ण गणपति जी द्वारा जो भी निर्देश और सुझाव प्रदान किए गए हैं।
उनका परिसर में क्रियान्वयन किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के संयोजक प्रोफेसर पीवी बी सुब्रमण्यम द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन ज्योतिष विभाग के सहायक आचार्य डॉ प्रदीप शर्मा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में परिसर के सभी विभागों के प्राध्यापक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।