हिमखबर डेस्क
कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार को लेकर अब 1899 करोड़ के अवार्ड जारी करने की तैयारी है। अभी तक इस एयरपोर्ट विस्तार को लेकर 596 करोड़ के अवार्ड लैंड एक्विजिशन कलेक्टर कांगड़ा जारी कर चुके हैं। एसडीएम कांगड़ा को यह काम दिया गया है।
इसमें से भूमि अधिग्रहण हेतु जिला पर्यटन विकास अधिकारी कांगड़ा के माध्यम से 460 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी गई है। इसका आवंटन प्रभावित परिवारों में कर दिया गया है। अब अगले चरण में 1899 करोड़ के अवार्ड जारी होने वाले हैं।
इस बीच वित्तीय अधिकताओं को देखते हुए राज्य सरकार ने एक्सटेंशन के अवार्ड की अवधि एक साल और बढ़ाई है।गौरतलब है कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर केंद्र सरकार से अभी कोई भी राशि नहीं मिली है और अब तक भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए गए 460 करोड़ राज्य सरकार द्वारा दिए गए हैं।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि एयरपोर्ट विस्तार के लिए मैसर्ज वेबकॉस के माध्यम से तैयार की गई ड्राफ्ट डीपीआर की लागत 6300 करोड़ है, जिसका अनुमोदन अभी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण यानी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा किया जाना है। पांच मई, 2025 को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने कुछ आपत्तियां इस डीपीआर पर लगाई हैं, जिन्हें डीपीआर बनाने वाली एजेंसी और जिला प्रशासन के माध्यम से दुरुस्त किया जा रहा है।
इसके बाद पता चलेगा कि केंद्र सरकार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के माध्यम से क्या योगदान एयरपोर्ट में होगा? दूसरी तरफ वित्तीय चुनौतियों को देखते हुए राज्य सरकार ने कांगड़ा एयरपोर्ट का भूमि अधिग्रहण अवार्ड अब 15 अगस्त, 2026 तक आगे बढ़ा दिया है।
भूमि अधिग्रहण अवार्ड में यह एक्सटेंशन अधिग्रहण कानून की धारा 25 के तहत दी गई है। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण का अवार्ड 16 अगस्त, 2024 को नोटिफाई हुआ था। उसके बाद एक साल की अवधि में यह प्रक्रिया पूरी की जानी थी, लेकिन अब तक करीब 460 करोड़ ही लोगों में बांटे जा चुके हैं। उनकी जमीन भी ले ली गई है, लेकिन अभी करीब 3000 करोड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए चाहिए। अब अवार्ड की एक्सटेंशन से सरकार को इस धन का प्रावधान करने का समय मिल जाएगा।
3278 मीटर हो जाएगी हवाई पट्टी की लंबाई
पर्यटन विभाग के अनुसार गगल हवाई अड्डे की हवाई पट्टी की लंबाई अभी 1376*30 मीटर है। विस्तारीकरण के बाद इस रनवे की लंबाई 3278*45 मीटर हो जाएगी। इससे यहां बड़े विमान को उतारा जा सकेगा और नाइट लैंडिंग भी आसान हो जाएगी।
इसके लिए राइट टू फेयर कंपनसेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन लैंड एक्विजिशन, रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटेलमेंट एक्ट 2013 की धारा 19 के तहत यह अवार्ड घोषित किया था। इसमें 122-54-86 हेक्टेयर भूमि ली जा रही है और यह कुल 14 गांवों में पड़ती है। इसमें दस गांव तहसील कांगड़ा और चार गांव तहसील शाहपुर के हैं।