मंडी- नरेश कुमार
छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी शहर के प्राचीन भूतनाथ मंदिर में शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाने की प्रक्रिया कल ( शनिवार) से शुरू होगी। शनिवार रात से स्वयंभू शिवलिंग पर एक महीने तक जलाभिषेक न कर मक्खन रूपी घृतकंबल का लेप चढ़ाया जाएगा। 29 जनवरी को पहले दिन शिवलिंग पर 21 किलोग्राम देसी गाय का शुद्ध मक्खन चढ़ाया जाएगा। शिवरात्रि से एक दिन पहले शिवलिंग पर मक्खन के लेप चढ़ने से मंदिर में शिव विभिन्न स्वरूप में नजर आएंगे।
मंडी जिले में भूतनाथ मंदिर का खास महत्व है। प्राचीन दस्तावेजों के अनुसार मंदिर का निर्माण 1527 ईस्वी में मंडी रियासत के तत्कालीन राजा अजबेर सेन ने करवाया था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण उस काल में बनवाया गया था जब रियासत की राजधानी को मंडी से भिउली में स्थानांतरित कर दिया गया था।
बाबा भूतनाथ मंदिर में मक्खन चढ़ाने की परंपरा 1527 ईस्वी से मंडी नगर की स्थापना से चली आ रही है। इसका आज भी बखूबी निर्वहन किया जा रहा है। शिवलिंग पर एक महीने तक शिव के अनेक रूपों का शृंगार किया जाएगा। बाबा भूतनाथ मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग पर मक्खन चढ़ाने की परंपरा निभाने के लिए हर श्रद्धालु परंपरा का हिस्सा बनता है। प्राचीन समय में राजघराने की ओर से ही मक्खन चढ़ाया जाता था।
देवानंद सरस्वती, पुजारी, भूतनाथ मंदिर में बाक्सकोविड का प्रकोप अधिक हुआ तो सरकार और जिला प्रशासन के आदेशानुसार ही मंदिर में कार्यक्रम रहेगा ।बाबा भूतनाथ के श्रृंगार की तैयारियां पूरी कर ली गई है। तारा रात्रि में रात ग्यारह बजे तक मक्खन चढ़ेगा।