सिरमौर- नरेश कुमार राधे
शादियों में रिवाज है कि दुल्हा दुल्हन को लेने के लिए घोड़ी पर जाता है। परंपरा तो यह भी है कि दुल्हन डोली में आती है। वर्तमान समय में लक्जरी कारों से भी दुल्हा-दुल्हन शादी के बाद अपने घरों के लिए आते हैं। पर यहां मामला कुछ जुदा है। यहां एक दुल्हा अपनी दुल्हन को लेने के लिए जेसीबी लेकर गया था। कारण था कि जिस रास्ते से बारात जाना थी उस रास्ते पर तीन फीट तक बर्फ जमा थी।
दरअसल डिग्री कॉलेज संगड़ाह के साथ लगते जावगा से बारात सौंफर गांव जाने वाली थी। संगड़ाह से 8 किलोमीटर आगे बंद सड़क पर पहले तो जेसीबी से बर्फ हटाने की कोशिश की गई, मगर जब बात न बनी तो जेसीबी में ही आधा दर्जन बाराती चले गए। गत रात्रि लौटते वक्त 2 मशीनों की व्यवस्था करनी पड़ी तथा सोमवार सुबह शादी की शेष रस्में हुई।
दूल्हे के पिता जगत सिंह ने आगे जाने के लिए जेसीबी मशीन का इंतजाम किया इसमें दूल्हा विजय प्रकाश, भाई सुरेंद्र, पिता जगत सिंह, भागचंद व फोटोग्राफर को बिठा कर 30 किलोमीटर सफर तय कर रतवा गांव पहुंचे। वहां पर विवाह की सारी रस्में निभाई और दुल्हन लेकर वापस लौटे।
गिरिपार क्षेत्र के गत्ताधार गांव में भी बारिश और बर्फबारी से सड़क बंद होने के कारण एक दूल्हे को करीब 100 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर अपनी अर्धांगिनी तक पहुंचने के लिए तय करना पड़ा। यदि मार्ग बंद नहीं होता तो यह दूरी केवल 40 किलोमीटर ही थी। गताधार गांव से रविवार को दूल्हा रामलाल, भाई विरेंद्र, मामा गोपाल सिंह बरात लेकर दुल्हन लेने करीब सौ किलोमीटर अतिरिक्त सफर तय कर उपमंडल संगड़ाह के ग्राम डूंगी पहुंचे।
उपमंडल संगड़ाह के ऊपरी हिस्सों मे शनिवार से हिमपात का सिलसिला जारी है और 2 से 3 फुट के करीब बर्फ के चलते डेढ़ दर्जन पंचायतों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। बर्फबारी के क्षेत्र की संगड़ाह-चौपाल, हरिपुरधार-नौहराधार, संगड़ाह-गत्ताधार व नौहराधार-संगड़ाह आदि सड़कों पर सोमवार को तीसरे दिन भी यातायात व्यवस्था ठप रहा।
लोक निर्माण विभाग मंडल संगड़ाह में एक भी स्नोकटर नहीं है और जेसीबी से बर्फ हटाने मे ज्यादा समय लग जाता है। इन सड़कों के बंद होने से 150 के करीब गाड़ियां जगह-जगह फंसी है, जिनमे 2 दर्जन बर्फ देखने आए लोगों की बताई जा रही है। उपमंडल की डेढ़ दर्जन पंचायतों में हिमपात के चलते यातायात के साथ-साथ विद्युत व पेयजल आपूर्ति भी बाधित है।
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता संगड़ाह रतन शर्मा ने कहा कि, बर्फ हटाने के लिए 8 जेसीबी मशीनों की व्यवस्था की गई है।