धर्मशाला-राजीव जस्वाल
सरस मेले के दौरान उद्यान विभाग द्वारा आज बागवानी के अंतर्गत प्रर्दशनी का आयोजन किया गया जिसका शुभारम्भ उपायुक्त डा0 निपुण जिन्दल ने किया।
उन्होंने कहा कि कृषि व बागवानी हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है, क्योंकि प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांव में बसती है, जिसका मुख्य व्यवसाय कृषि व बागवानी है। बागवानी, कृषि का विशेष क्षेत्र है जो न केवल हमें पौष्टिक खाद्य उत्पाद प्रदान करता है बल्कि किसानों की आय को अनाज वाली फसलों की अपेक्षा कई गुणा बढ़ा सकता है।
इस क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा कई योजनाएं व परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे स्वरोजगार के अवसर बढे़ हैं।इससे पहले उप निदेशक, डॉ. कमलशील नेगी ने उपायुक्त का स्वागत किया तथा प्रदर्शनी बारे विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने अवगत करवाया कि जिले में पिछले 4 वर्षों से विभाग द्वारा सोलह ऐसी योजनाएं कार्यान्वित की हैं, जिसके अंतर्गत लगभग 24 करोड़ की सहायता राशि प्रदान कर 33 हजार किसानों/बागवानों को लाभान्वित किया है।
इनमें मुख्यतः एकीकृत बागवानी मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना,बागवानी यंत्रीकरण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, हिमाचल पुष्प क्रंाति योजना, हिमाचल खुम्ब विकास योजना, मुख्य मंत्री मधु विकास योजना, मुख्यमंत्री कीवी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री हरित गृह नवीनीकरण योजना, एंटी हेल नेट, एच0पी0शिवा व एच0पी0-एच0डी0पी0 इत्यादि योजनायें शामिल है।
प्रर्दशनी में विभिन्न योजनाओं को दर्शाया गया जिसमें मुख्यतः एच0पी0शिवा परियोजना का मॉडल काफी सराहा गया। प्रदर्शनी में फूलों में कारनेशन, जिपसोफिला, आर्किड, जरबेरा व बान्साई लोगो में आकर्षण के केन्द्र थे। प्रदर्शनी देखने में लोगो ने काफी रूची दिखाई व विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी हासिल की।
ये रहे मोजुद
इस प्रदर्शनी में उद्यान विभाग की अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया जिसमें डा0 सरिता शर्मा, विषय वस्तु विशेषज्ञ, डा0 विवेक गर्ग, डा0 नीरज शर्मा, डा0 अनिल ठाकुर, डा0 संगीता कौशल, डा0 हरविन्द्र कौर, उद्यान विकास अधिकारी, लेख राज धीमान, सहायक उद्यान विकास अधिकारी, कपूर चन्द, विजय कुमार, चंचला देवी, कुशल देव तथा कुमारी अक्षिमा, उद्यान प्रसार अधिकारी भी मौजूद थे।