आम के पेड़ों पर कुल्‍हाड़ी चलाने पर पीसीसीएफ ने लिया संज्ञान, डीएफओ से रिपोर्ट तलब, FIR दर्ज करवाएगा विभाग

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व्यूरो रिपोर्ट

ऊना जिले में आम के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने के मामले में वन विभाग के पीसीसीएफ अजय श्रीवास्तव ने संज्ञान लिया है। उन्‍होंने कहा वन विभाग और लोक निर्माण विभाग के स्टाफ पर कार्रवाई होगी। कुछ पेड़ों की लोपिंग ज्यादा की गई है, इसलिए कार्रवाई होगी।

डीएफओ पुलिस थाना में इस संबंध में मामला दर्ज करवा रहे हैं। ऊना में गगरेट-दौलतपुर मार्ग के किनारे आम के पेड़ों की लोपिंग की गई है। अजज श्रीवास्तव ने इस मामले को तस्‍करी से जुड़ा न होने की बात कही है। ऊना के डीएफओ से रिपोर्ट तलब की गई है।

लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर जितेंद्र कुमार ने कहा संबंधित अधिशाषी अभियंता हरवंस शर्मा से रिपोर्ट तलब की है। उन्‍होंने कहा पूरे मामले की असलियत मालूम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कई बार लोक निर्माण विभाग बलि का बकरा बनता है। पेड़ों की केवल टहनियां काटी गई हैं। टहनियों से वाहन टकराते थे। उन्‍होंने कहा कि पेड़ नहीं काटे गए हैं।

201 पेड़ों पर बिना अनुमति चलाई कुल्‍हाड़ी

शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा कि सड़क किनारे आम के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलती रही और किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया कि यह एक बड़ा स्कैम है। करीब 201 पेड़ माफिया की जद में आए और वह भी सरकारी चोरी से। शायद इस चोरी का पता कभी न चलता यदि इन पेड़ों पर फूल न लगे होते।

जब ठेकेदार इन पेड़ों को कटवा रहा था तो बाकायदा लोक निर्माण विभाग की गाड़ी इस लकड़ी को लेकर जाती थी और वन विभाग व लोक निर्माण विभाग के अधिकारी खड़े होकर इस कटाई को अंजाम दे रहे होते थे। जब स्थानीय लोगों ने अपील की कि कुछ दिन रुक जाओ क्योंकि इस समय आम पर फल हैं, बाद में काट लेना। तब जाकर यह पता चला कि इसकी तो अनुमति ही नहीं है।

मामला उजागर होने पर वन विभाग हरकत में आया और लोक निर्माण विभाग से पूछा तो पता चला कि बिना टेंडर और बिना अनुमति के लोक निर्माण विभाग ने पेड़ों की टहनियां कटवा दीं।

वन विभाग ने लोक निर्माण विभाग व ठेकेदार रोहित जसवाल निवासी डंगोह के खिलाफ पुलिस को शिकायत पत्र दिया है जिसमें पुलिस को मामला दर्ज करने के लिए कहा है। वन विभाग ने 201 पेड़ों की 387 बड़ी टहनियां काटने की शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई है।

नुकसान की आकलन रिपोर्ट पर भी सवालिया निशान

वन विभाग ने 49 घनत्व मीटर लकड़ी का नुकसान बताया है और दावा किया कि सारी लकड़ी रिकवर कर ली है। लेकिन यह दावा तथ्यों से परे नजर आता है क्योंकि 201 पेड़ों पर 387 टहनियां गिनने और सारे माल की ढुलाई करके अपने डिपो तक पहुंचाने में ही विभाग को काफी समय लग गया तो इतनी ज्यादा लकड़ी की नपाई विभाग ने कब की।

गोल लकड़ी को नापने के लिए विभाग को एक-एक मोछे की लंबाई तीन जगह से नापकर उसे गुणा करके कुल घनत्व मीटर निकालने होंगे जिसके लिए कम से कम 10 दिन लग सकते हैं। लकड़ी का कितना घनत्व मीटर नुकसान हुआ और रिपोर्ट विभाग ने किस आधार पर तय की, यह जांच का विषय है।

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