कांगड़ा – राजीव जसवाल
कांगड़ा में इन दिनों अप्रवासी लोगों की एंट्री ने स्थानीय लोगों को सकते में डाल दिया है। स्थानीय लोग इंटरनेट मीडिया में इन अप्रवासी लोगों से सचेत रहने का आह्वान कर रहे है। अप्रवासी लोग कौन है कहां से आए हैं इसकी जानकारी ना तो कांगड़ा पुलिस को है और पंचायत प्रतिनिधियों को।
कांगड़ा में आइक्रीम, इक्लट्रोनिक सामान, कुर्सियां सहित अन्य सामान को उठाये यह लोग पंचायत के सभी वार्ड व कांगड़ा नगर परिषद की सभी गलियों में बेखौफ घूम रहे हैं। कांगड़ा में एकाएक इन अप्रवासी लोगों की संख्या बढ़ी है। जिससे स्थानीय लोगों ने कांगड़ा प्रशासन से मांग की है कि इन लोगों की पुलिस जांच की जाये जिससे इन लोगों के मूल स्थान का पता चले सके।
कांगड़ा में पहले भी एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा भारी भरकम किराये से कुछ दुकानें किराये पर ले रखी है और आये दिन इन लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। कांगड़ा में जहां आम जनमानस बीस हजार रुपये एक दुकान का किराया दे रहा था वही अब इन अप्रवासी लोगों ने पचास पचास हजार रूपये में किराया देकर एक दो दर्जन से अधिक दुकानों को किराये पर ले लिया है।
इन अप्रवासी लोगों के व्यवसाय का सीधा असर स्थानीय लोगों के व्यवसाय पर पड़ रहा है परंतु अप्रवासी लोगों के खिलाफ कोई ठोस नीति ना होने के कारण कांगड़ा अब इन अप्रवासी लोगों की शरण स्थली बन गया है।
जानकारी यह भी मिली है कि कुछ एक धर्म विशेष के अप्रवासी लोगों ने स्थानीय महिलाओं से भी शादी कर कांगड़ा में जमीने खरीदना शुरू कर दी है जिससे एक धर्म विशेष के लोगों की जनसंख्या अब हजारों में पहुंच गई है।
एक दशक पहले धर्म विशेष के अप्रवासी लोगों की संख्या मात्र कुछ ही थी परंतु अब एक दशक में हजारों पहुंचना एक सुनियोजित षड़यंत्र का एक हिस्सा लग रहा है। जातिय समीकरण कांगड़ा में बिड़ चुके है जो कि स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकते है।