शिमला – नितिश पठानियां
एनपीए सहित अन्य भत्तों व छुट्टियों में कटौती को लेकर डाॅक्टर भड़क गए हैं। मेडिकल एवं दंत कालेज टीचर्ज राज्य एसोसिएशन (सैमडिकोट) ने इसे लेकर अब काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रदर्शन करना आरंभ कर दिया है। शनिवार को आईजीएमसी सहित अन्य अस्पतालों में डाॅक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर विरोध करना आरंभ कर दिया है।
सैमीडिकोट का कहना है कि जल्द ही मुख्यमंत्री से समय लेकर उन्हें मांगों से अवगत करवाया जाएगा और यदि इन पर निर्णय होता है तो ठीक है, अन्यथा डाॅक्टर आगामी ठोस रणनीति अपनाने को बाध्य हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने दिया था एनपीए एलाऊंस देने का आश्वासन
डाॅक्टरों का कहना है कि एनपीए अलाऊंस 2023 में आपदा के दौरान सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था, जोकि इन्हें प्रशिक्षण के समय कुल वेतन का 20 फीसदी दिया जाता था। इसको लेकर वह बीते वर्ष 3 जून को सचिवालय में मुख्यमंत्री से मिले थे। उस समय इन्हें आश्वासन दिया था कि आपदा के 3 महीने बाद एनपीए एलाऊंस दे दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
अब विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति में उनके वेतन से इसे हटा दिया है। कमीशन पास करके आ रहे डाॅक्टर एनपीए से महरूम हैं, जिससे डाॅक्टरों का मनोबल गिर रहा है। डाॅक्टरों की भर्ती आऊटसोर्स से की जा रही है और अब छुट्टियों में भी कटौती की जा रही है। इन्हीं सभी के विरोध में अब डाॅक्टरों ने काले बिल्ले लगाकर विरोध करना आरंभ कर दिया है।
आईजीएमसी में डाॅक्टरों को मिलने वाली छुट्टियों में हो रही कटौती
आईजीएमसी शिमला में डाॅक्टरों को मिलने वाली छुट्टियां कम किए जाने से भी डाॅक्टरों में भारी रोष है। शुक्रवार को सैमडिकोट ने आमसभा की बैठक की और काले बिल्ले लगाकर विरोध करना शुरू किया और शनिवार को भी डाक्टर काले बिल्ले लगाकर विरोध जताते हुए अपनी सेवाएं देते रहे।
डाॅक्टरों का गिर रहा है मनोबल, चिकित्सीय सेवाएं भी होंगी प्रभावित : डाॅ. बलवीर
सैमडिकोट के अध्यक्ष डाॅ. बलवीर वर्मा ने कहा कि एनपीए सहित भत्तों व छुट्टियों में कटौती से डाॅक्टरों का मनोबल गिर रहा है, जिसका असर प्रदेश में चिकित्सीय सेवाएं भी प्रभावित होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य भर के मेडिकल काॅलेजों के शिक्षण संकाय में सरकार द्वारा डाॅक्टरों के लिए अवकाश के दिनों को कम करने के निर्णय से डाॅक्टर चिंतित हैं और इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से समय मांगा गया है और उन्हें इन सभी मांगों व समस्याओं से अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं की गईं तो उसके बाद आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। इसलिए सैमडिकोट राज्य में मरीजों की देखभाल में कमी की मांग करते हुए मुख्यमंत्री और संबंधित अधिकारियों से मांग करती है कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करें।