76 साल की महिला ने साथी बुजुर्गों के साथ नापने निकली 37 दर्रे, टाइगर हिल

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रिकांगपिओ, 08 जुलाई – एस पी क्यूलो माथास

कुछ करने की तमन्ना, हौसला व जज्बा बुलंद हो तो किसी कार्य को करने के लिए कोई मंजिल दूर नहीं होती। ऐसा ही जज्बा तब देखने को मिला जब 50 वर्ष से अधिक आयु की 11 महिला पर्वतारोही दल गगनचुंबी 37 दर्रे को पार कर वीरवार को किन्नौऱ पहुंची।

भारत की पहली महिला माउंट एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल के नेतृत्व में ट्रांस हिमालय की गगनचुंबी चोटियों व 37 दर्रों को फतेह करने के लिए निकली 50 वर्ष से अधिक आयु की 11 सदस्य महिला पर्वतारोही दल का किन्नौर जिला के ट्राई पीक ब्रिगेड की 4 असम रेजीमेंट के जवानों द्वारा किन्नौर जिला के करछम पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया।

सभी पर्वतारोही महिलाओं को ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता ने पारम्परिक किन्नौरी टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। ब्रिगेडियर प्रदीप कुमार मेहता ने पर्वतारोही दल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि 50 वर्ष उम्र पार कर चुकी इन महिलाओं का हौंसला व जज्बा से सभी को सीख मिलती है।

उन्होंने सभी पर्वतारोही महिलाओं को बधाई देते हुए कहा कि इन महिलाओं ने सिद्ध किया है कि यदि किसी कार्य को करने का ठान लिया जाए तो उम्र का पड़ाव कोई महत्व नहीं रखता है। कठिन चुनौतियों व हर कदम जोखिम भरा होने के बावजूद भी कठिन से कठिन कार्य को पूरा किया जा सकता है।

बछेंद्री पाल ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए कठिन परिश्रम व ईमानदारी का होना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वे इसे अपने जीवन में आत्मसात करते हुए आज इस मुकाम पर पहुंची है।

उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मिशन व महिला सशक्तिकरण के बारे आम लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ लोगों को समाज में फैली विभिन्न कुरीतियों के बारे में भी जागरूक करना है।

उन्होंने युवाओं को भी संदेश दिया कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीवन में कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि आज इस पर्वतारोही दल में जहां मैं स्वयं 68 वर्ष की हूं वहीं दल में 76 वर्ष की महिला भी शामिल है। जिन्होंने कल ही विश्व का विकटतम लामखागा दर्रा पार किया है।

इस अवसर पर सेना का भी आभार व्यक्त किया। इस दल में देश के विभिन्न राज्यों की 11 महिलाएं शामिल हैं। जिसका नेतृत्व प्रथम भारतीय महिला माउंट एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल कर रही हैं।

उनके साथ कलकत्ता की चेतना साहू, छत्तिसगढ़ की सविता धपवाल, गुजरात की छाअुला जागीरदार, गुजरात की ही गंगोत्री सोनेगी, झारखंड की पायो मुरमू, राजस्थान की डाॅ. सुषमा बिसा, उत्तर प्रदेश की मेजर कृष्णा दुबे, कर्नाटक की वासुमति श्रीनिवास, झारखंड की अन्नपूर्णा, कर्नाटक की समराला पदमानामन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सपोर्ट टीम में उत्तराखंड के मोहन रावत व रणदीप सिंह शामिल हैं।

इस अवसर पर जिला प्रशासन किन्नौर की तरफ से पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न, वनमण्डलाधिकारी रजनोल्ड राॅयस्टन व उप मण्डलाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता ने भी कुमारी बछेंद्री पाल को पारम्परिक टोपी व खतक भेट कर सम्मानित किया।

इस दौरान उरनी महिला मण्डल के सदस्यों द्वारा रंगा-रंग किन्नौरी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। स्वागत समारोह में सेना के विभिन्न इकाइयों के पदाधिकारी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि 12 मार्च 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया मिशन के तहत 50 वर्ष की उम्र पार कर चुकी 11 पर्वतारोही महिलाओं का एक दल भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित पांगसायु से टाइगर हिल तक पर्वतारोहण के लिए पद्मश्री बछेंद्री पाल के नेतृत्व में रवाना हुआ था।

यह दल अरुणाचल, असम, पश्चिमी बंगाल, सिक्किम, उत्तराखंड व हिमाचल होते हुए लगभग 5000 किलोमीटर की दूरी व 37 पर्वतीय दर्रे को पार करते हुए 5 माह में टाइगर हिल पहुंचेगा।

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