हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज विभाग में पिछले 22 वर्षों से सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को सरकार नहीं मानती है विभागीय कर्मचारी

--Advertisement--

हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज विभाग में पिछले 22 वर्षों से सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को सरकार नहीं मानती है विभागीय कर्मचारी। सभी प्रभावित कर्मचारियों ने शुरू की अनिश्चितकालीन हड़ताल।

कोटला – स्वयंम 

हिमाचल प्रदेश में लगभग पिछले 22 वर्षों पंचायतीराज विभाग में कार्यरत पंचायत सचिवों एवं तकनीकी कर्मचारियों जिस में तकनीकी सहायक से लेकर अधिशासी अभियंता पदों पर कार्यरत कर्मचारियों जिन की संख्या 4700 है को सरकार द्वारा विभागीय स्तर के कर्मचारी न मानते हुए जिला परिषद स्थापना के कर्मचारी घोषित किए जाने से सभी प्रभावित कर्मचारी 25/6/2022 बाद दोपहर से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से पंचायतों का कामकाज आगामी समय में बहुत ही बूरी तरह से ठप हो जाएगा ।

पूर्व पंचायत समिति सदस्य एवं वर्तमान उपप्रधान पंचायत डोल भटहेड़ साधू राम राणा ने प्रेस वार्ता में कहा कि पंचायती राज विभाग के कुछ कर्मचारियों को विभागीय कर्मचारी मानना और कुछ कर्मचारियों को विभागीय कर्मचारी न मानना समझ से परे है।

जबकि पंचायती राज विभाग में सभी कर्मचारी मिलजुलकर समस्त कार्यों को अंजाम देने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।इस से पूर्व 2006 में पंचायती राज विभाग के समस्त कर्मचारियों को समान वेतनमान का लाभ दिया गया था।

लेकिन हाल ही में 2016 से लागू वेतनमान में दोहरा मापदंड अपनाते हुए लगभग इन 4700 कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतनमान के लाभ से यह कहते हुए वंचित कर दिया गया है कि प्रभावित कर्मचारी पंचायती राज विभाग के कर्मचारी न होकर जिला परिषद के कर्मचारी हैं।

संबंधित कर्मचारियों ने इस मसले को सरकार के समकक्ष अनेकों बार उठाया लेकिन सरकार द्वारा सिरे से इस मांग को खारिज करते हुए इन्हें विभागीय कर्मचारी एवं बढ़े हुए वेतनमान की मांग को न देता देखकर देखकर सभी प्रभावित कर्मचारियों ने अपनी मांग को मनवाने केलिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी हैै।जिसका सीधा असर पंचायतों के माध्यम से हो रहे विकास कार्यों पर पड़ेगा।

अतः पंचायतों में करोड़ों रुपए के बजट पर शतप्रतिशत रोक लग जाएगी और मनरेगा योजना जिससे गरीब परिवारों का रोजगार भी बंद हो जाएगा और इसके साथ विकास कार्यों के लिए जो सीमेंट पंचायतों में पड़ा हुआ है आगामी बरसात में वह भी खराब हो जाएगा ।

अतः पंचायती राज विभाग एवं सरकार से मांग की जाती है कि प्रभावित कर्मचारीयों के वेतनमान एवं पंचायती राज विभाग में समायोजित मामले को अभिलंब सुलझाने हेतु पग उठाए जाएं ताकि पंचायतों के कामकाज सुचारू रूप से चलाए जा सकें।

--Advertisement--

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

--Advertisement--

Popular

More like this
Related

केंद्र ने लिखा पत्र, हिमाचल प्रदेश सरकार यूपीएस लागू करे तो मिलेगी 1600 करोड़ रुपये की मदद

शिमला - नितिश पठानियां केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार को...

सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर के भरेंगे 200 पद

धर्मशाला - हिमखबर डेस्क सिक्योरिटी गार्ड और सुपरवाइजर (केवल पुरुष)...

खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स के 3 आतंकियों का एनकाउंटर, 2 AK 47, 2 ग्लॉक पिस्तौल बरामद

पंजाब - भूपेंदर सिंह राजू पीलीभीत में उत्तर प्रदेश पुलिस...

भीषण अग्रिकांड, 18 कमरे राख, खुले आसमान तले आए 5 परिवार

शिमला - नितिश पठानियां उपमंडल ठियोग के साथ लगते मतियाना...