सिरमौर – नरेश कुमार राधे
नक्सलवाद व आतंकियों के खिलाफ अदम्य साहस रखने वाले नाहन के लाल संजय गौतम को सराहनीय सेवा की श्रेणी में राष्ट्रपति पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में द्वितीय कमान अधिकारी के पद पर तैनात संजय गौतम ने 1988 में बतौर सब इंस्पेक्टर कैरियर शुरू किया था। करीब 34 साल की सेवाओं के दौरान द्वितीय कमान (2nd in Command) अधिकारी संजय गौतम ने नक्सलवाद व आतंकियों के खिलाफ कई मर्तबा जांबाजी का परिचय दिया।
इसके अलावा जांबाजी का एक अलग किस्सा भी है। एचडी देवगौड़ा की पत्नी सी देवगौड़ा पर एसिड अटैक के हमले को विफल करने में कामयाब रहे थे। हालांकि, राष्ट्रपति पुलिस पदक का ऐलान 26 जनवरी 2019 को हो गया था, लेकिन इसके बाद कोविड के चलते इस पदक से उसे अलंकृत नहीं किया जा सका था।
अब वो मौका आ गया है, जब द्वितीय कमान अधिकारी संजय गौतम की छाती पर राष्ट्रपति पुलिस पदक का तमगा लग गया है। नाहन की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से पढ़ाई करने वाले संजय गौतम मूलतः नाहन के लक्ष्मी नारायण मंदिर के समीप के रहने वाले हैं।
1985 व 1986 में राजपथ की परेड पर भी हिमाचल का प्रतिनिधित्व किया था। एनसीसी कैडेट के तौर पर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल हुए थे। बचपन से ही सेना या अर्द्धसैनिक बल में सेवा देने का सुरूर था। सीआरपीएफ में सेवा के दौरान यूएन मिशन में भी शामिल हुए। लगभग 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री व उनके परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए एसपीजी व सीपीटी में एक कमांडो की भूमिका भी निभाई।
नाहन कॉलेज से पढ़ाई करने वाले संजय गौतम बेहद ही शांत व खुशमिजाज स्वभाव के हैं। घर आने के दौरान हरेक से बेहद सौम्य स्वभाव से मिलते हैं। बुजुर्गों का पांव छूकर आशीर्वाद लेने का मौका कभी नहीं गंवाते। सेवानिवृत बीडीओ दिवंगत गणराज गौतम के बेटे संजय ने सीआरपीएफ में सेवा के दौरान कई ऐसी वीर गाथाएं लिखी हैं, जिनका बखान शब्दों में नहीं किया जा सकता।
सीआरपीएफ के द्वितीय कमान अधिकारी संजय गौतम को महानिदेशक द्वारा पदक से जम्मू में अलंकृत किया गया है। शानदार समारोह में उन्हें पदक से नवाजा गया है। चूंकि इस बार सीआरपीएफ की वार्षिक परेड भी जम्मू में हो रही है, लिहाजा सीआरपीएफ तैयारी में जुटी है। देश के गृह मंत्री अमित शाह को इस परेड की सलामी लेनी है। इस परेड में भी अग्रिम पंक्ति में संजय गौतम शामिल होंगे।