नूरपुर- देवांश राजपूत
विधानसभा क्षेत्र नूरपुर के तहत छोटे से गांव लदोड़ी ने एक से बढ़कर एक सूरमाओ व शूरवीरों महानुभावों ने भिन्न भिन्न पदों पर रहकर न केवल भारत माता की सेवा की है, बल्कि अपने क्षेत्र का नाम भी रोशन किया है। इस गांव ने देश को बीस से भी ज्यादा सैन्य अधिकारी दिए हैं। सच में यह वीरभूमि है और नूरपुर क्षेत्र को इन लोगों पर गर्व है। युवाओं के लिए यह लोग सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।
नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत लदोड़ी गांव विधायक एवं वन मंत्री राकेश पठानिया का पैतृक गांव है, इस गांव ने राकेश पठानिया के रूप में एक मंत्री प्रदेश को दिया है। वहीं करीब दो दर्जन से ज्यादा सैन्य अधिकारी भी दिए हैं। छोटे से गांव लदोड़ी के एक से बढ़कर एक सूरमाओं, शूरवीरों व महानुभावों ने भिन्न भिन्न पदों पर रहकर न केवल भारत माता की सेवा की है, बल्कि अपने क्षेत्र का नाम भी रोशन किया है।
लेफ्टीनेंट कर्नल कमान सिंह पठानिया ( महावीर चक्र), वन मंत्री राकेश पठानिया के पिता कर्नल काहन सिंह पठानिया (सेना मेडल), मेजर जनरल जितेंद्र सिंह पठानिया ( सेना मेडल), एयर वाइस मार्शल जगनंदन सिंह पठानिया, ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह पठानिया (सेना मेडल), कर्नल नरेंद्र सिंह पठानिया, कर्नल दलजीत सिंह पठानिया, कर्नल रामेश्वर सिंह पठानिया, कर्नल सुनीत सिंह पठानिया, लेफ्टिनेंट कर्नल अभिमन्यु सिंह पठानिया, हेलीकॉप्टर पायलट बिंग कमांडर जगजीत सिंह पठानिया, बिंग कमांडर मनमोहन सिंह पठानिया, स्क्वाड्रन लीडर जसवंत सिंह पठानिया, मेजर कुलदीप सिंह पठानिया, मेजर पूर्ण सिंह पठानिया, मेजर मेहर सिंह पठानिया, लेफ्टिनेंट कर्नल कुलदीप सिंह पठानिया, लेफ्टिनेंट कर्नल शिवानी पठानिया, लेफ्टिनेंट कर्नल आरएस पठानिया, मेजर नसीब सिंह, मेजर जगनंदन सिंह, मेजर विशंभर सिंह, मेजर अक्षय पठानिया, मेजर आकाश पठानिया व कैप्टन अक्षय पठानिया सहित लदोड़ी के कई लोग सेना व अन्य सरकारी विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सेवानिवृत्त एसएसपी रमेश सिंह पठानिया व सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के मौजूदा सह-निदेशक महेश पठानिया भी लदोड़ी पंचायत के निवासी हैं। प्रदेश के वन, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री राकेश पठानिया लदोड़ी गांव के निवासी हैं। इसके अलावा भारतीय तटरक्षक बल के नवनियुक्त महानिदेशक वीरेंद्र सिंह पठानिया भी लदोड़ी पंचायत के निवासी हैं।
वन मंत्री राकेश पठानिया ने इस संदर्भ में बताया कि उन्हें गर्व है कि वह लदोड़ी पंचायत के निवासी हैं व एक सैन्य परिवार से संबंध रखते हैं। उन्होंने कहा कि लदौड़ी पंचायत इलाके की वीरभूमि है, जिसने कई प्रमुख सैन्य अधिकारी पैदा किए हैं।