धर्मशाला- राजीव जस्वाल
वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि अति आत्मविश्वास से उप चुनाव हारे हैं। पर अब 2022 जीत की तैयारी में जुट गए हैं। इस हार से सबक लेते हुए भाजपा अब 2022 की तैयारी को लेकर आगे है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं जेपी नड्डा, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल सहित अन्य वरिष्ठ नेतृत्व एकजुट होकर पार्टी को संभाले हुए है। उप चुनाव में हार के क्या कारण रहे, इन सब बातों को लेकर शिमला में होने वाली प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में चर्चा भी होगी।
उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे। उन्होंने इन अफवाहों का खंडन भी किया है कि प्रदेश मंत्रिमंडल में कोई फेरबदल नहीं हो रहा है। राकेश पठानिया ने कहा कि वीरवार को धर्मशाला में उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय व कांगड़ा हवाई अड्डा विस्तार को लेकर भी अधिकारियों से चर्चा की है।
धर्मशाला जदरांगल में 25 हैक्टेयर भूमि सीयू के नाम है, धर्मशाला व देहरा में एक साथ ही निर्माण कार्य भी शुरू होंगे। जहां तक बात कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार को लेकर है सरकार इसके प्रति गंभीर है। शीघ्र ही हवाई अड्डे का विस्तार होगा। इसे लेकर प्रदेश सरकार केंद्र से दिसंबर माह में मामला उठाने जा रही है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम में कई पदों के रिक्त होने की जानकारी उन्हें भी है, सरकार से इस मामले को उठाया जाएगा ताकि लोगों को अपने कामों के लिए किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
अब पांच वर्षीय होगी पेड़ कटान की योजना
प्रदेश में वन कटान (खुदरो दरख्तान) को लेकर अब पांच वर्षीय योजना पर कार्य होगा। इससे जमींदारों को भी लाभ मिलेगा। पहले दस वर्ष बाद पेड़ कटान की अनुमति होती थी। वन मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला में पत्रकार वार्ता में कहा कि इस योजना के शुरू होेने से लाभ रहेगा वहीं वन भूमि में एफसीए व एफआए को खत्म करने की अपील भी सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी ताकि विकास कार्यों में अड़ंगा बनने वाली वन भूमि से लोगों को निजात मिल पाए।
सदा बहार आम की फसल से सुदृढ़ होगी बागवानों की आर्थिकी
पठानिया ने कहा कि जिला कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना व बिलासपुर में शीघ्र ही सदा बहार आम की पौध भी बागवानों को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस योजना को लेकर विभाग द्वारा काम किया जा रहा है और आने वाले दो महीनों के भीतर ही मुख्यमंत्री योजना का शुभारंभ करेंगे। उन्होंने बताया कि यह सदाबहार आम वर्ष में दो बार फल देगा। इस पूरी परियोजना का खाका तैयार किया जा रहा है।
ऐसे ही अमरूद व संतरे के उत्पादन के विविधिकरण को लेकर भी योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया कि सदा बहार आम के पौध लगने से किसान व बागवानों सहित युवाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान होंगे। इस आम के पौधे को कम भूमि या फिर लोग अपने गमलों में भी लगा सकेंगे।