कोरोना नियमों के तहत उपमंडल के प्रत्येक आयुवेदिक संस्थान में किया योगाभ्यास, वर्चुअल माध्यम से अपने घरों से जुड़े 450 लोग।
देहरा 21 जून: शीतल शर्मा
योग व प्राणायाम एकमात्र ऐसी पद्धती है जो मानव को न केवल शारिरिक अपितु मानसिक व आध्यात्मिक स्वास्थ भी प्रदान करती है। योग की इसी उपयोगिता को देखते हुए आज विश्वभर में लोग, विशेषकर युवा इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं।
सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य पर देहरा उपमंडल में वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में उपमंडलीय आयुष चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बृजनंदन शर्मा ने यह शब्द कहे। उन्होंने बताया कि कोरोना की बंदिशों के चलते भी उपमंडल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को पूरे उत्साह से मनाया गया।
डाॅ. बृजनंदन ने बताया कि देहरा उपमंडल में स्थित सभी आयुर्वेदिक संस्थानों में आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। उन्होंने बताया कि सुबह 6ः55 पर आयुष विभाग के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों ने वर्चुल माध्यम से योग किया। इसके अतिरिक्त उपमंडल के लगभग 450 लोगों ने कोरोना नियमों के तहत आयुर्वेदिक संस्थानों और वर्चुल माध्यम से अपने घरों से इस कार्यक्रम में उपस्थित रहते हुए योग अभ्यास किया।
उन्होंने बताया कि इन कार्यक्रमों में आयुष विभाग के कर्मचारियों के अतिरिक्त उपमंडल से लगभग 450 लोगों ने भाग लिया, जिनमें लगभग 150 पुरुष, 250 महिलाएं और 50 बच्चे सम्मिलित हुए। डाॅ. बृजनंदन शर्मा ने कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में विश्वभर में मनाना भारत के लिए गौरव का विषय है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को हर प्रकार से स्वस्थ और प्रकृति के साथ सद्भावना का व्यवहार रखने की पद्धती भारतीय मनिषियों ने हजारों वर्ष पूर्व हमें दी थी। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट काल में मनुष्य को योग और उससे जुड़ी पद्धतियों का महत्व और अधिक समझ में आने लगा है।
उन्होंने कहा कि सब प्रकार के विशेषज्ञ आज मानते हैं कि प्रतिदिन योगाभ्यास से कोरोना जैसी महामारी के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त भविषय में भी हर प्रकार के रोग से बचने के लिए सभी को योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेना चाहिए।