नालागढ़, सुभाष
हिमाचल पथ परिवहन के घाटे का एक कारण सीमावर्ती क्षेत्रों से दूसरे राज्यों के बसों व प्राइवेट बस ट्रांसपोर्टरों द्वारा सवारियों का लाना व ले जाना भी है।
बीबीएन क्षेत्र के बद्दी बार्डर पर दूसरे राज्यों की बसों व प्राइवेट बसों को आने की अनुमति नहीं है। परिणामस्वरूप बीबीएन में लाखो की संख्या में काम करने वाले कामगार बद्दी बॉर्डर व बेरियर से पुल के पार अस्थायी बस स्टैंड से प्राइवेट बसों व दूसरे राज्यों की बसों से हर रोज यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, हरियाणा व दिल्ली की यात्रा पर आते जाते है।
वहीं हर रोज सैंकड़ों यात्री व कामगार हिमाचल में घूमने व अपनी रोजी रोटी कमाने आते हैं, क्योंकि प्रदेश में बी,बी,एन उद्योगिक हब है व यहां पर हर आयु वर्ग के लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार है। यहां पर आने वाले लोगों से परिवहन के रूप में लाभ सिर्फ प्राइवेट ट्रांसपोर्टरस उठा रहे हैं, हालाकिं इन के पास किसी भी अधिकृत अधिकारी की अनुमति या वैद्य परमिट नही है ।
सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि बद्दी पुल पार बने अस्थायी बस स्टैंड से 25 से 30 बसें सीधी बरेली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, और बिहार जाती है। जानकारों का कहना है कि यदि हिमाचल सरकार का परिवहन निगम बद्दी बस स्टैंड से यू पी और बिहार के विभिन्न स्टेशनो के लिए सीधी बसें चलाती है तो हर माह करोड़ो का राजस्व कमा कर अपने घाटे की प्रतिपूर्ति कर सकती
इस विषय पर जब हमारे पत्रकार ने हिमाचल के उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर से दूरभाष पर बातचीत की तो इस दौरान मंत्री ने बताया कि सरकार जल्दी ही दूसरे राज्यों के लिए बसें चलाने के संबंध में निर्णय लेने वाली है।