व्यूरो, रिपोर्ट
सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा आॅक्सीजन की निगरानी और भंडारण के लिए आॅक्सीजन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। नियंत्रण कक्ष के माध्यम से प्रदेश में उपलब्ध आॅक्सीजन के तर्कसंगत उपयोग संबंधी आवश्यक कदम सुनिश्चित करेगा। इसके अतिरिक्त आॅक्सीजन के औद्योगिक उपयोग को प्रतिबंधित करने और चिकित्सा आॅक्सीजन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे।
नियंत्रण कक्ष द्वारा आॅक्सीजन की कमी होने पर शीघ्र कार्रवाई की जा सकेगी, यह सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समय के आधार पर आईटी आधारित एप्लिकेशन के माध्यम से सम्पूर्ण राज्य में सभी कोविड समर्पित संस्थानों में आॅक्सीजन की स्थिति की निगरानी की जाएगी। इस नियंत्रण कक्ष में एमडी एचपीएसईडीसी अरिंदम चैधरी, जीएम एचपी केवीएन सनी शर्मा, संयुक्त निदेशक आयुर्वेद श्रीमती राखी और स्वास्थ्य विभाग के उप-निदेशक डाॅ. जितेन्द्र चैहान नोडल अधिकारी के तौर पर कार्यरत होंगे। नियंत्रण कक्ष में लैंडलाइन नंबर 0177-2623507 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आॅक्सीजन के उचित उपयोग के संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए है। इसमें अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 मरीजों के शरीर में 92-94 प्रतिशत आॅक्सीजन स्तर बनाए रखने के लिए आॅक्सीजन का विनियमन भी शामिल है। अस्पतालों को सप्ताह में दो बार इन्वेंट्री प्लानिंग, आॅक्सीजन की खपत के तरीके का निरीक्षण करने के लिए आॅडिट समितियां गठित करने के भी निर्देश दिए गए है।
प्रवक्ता ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश के लिए 6 और नए पीएसए प्लांट स्वीकृत किए है। जिन्हें नागरिक अस्पताल पालमपुर, जोनल अस्पताल मंडी, एमजीएमएससी खनेरी व नागरिक अस्पताल रोहडू, मेडिकल काॅलेज नाहन और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में स्थापति किया जाएगा। यह प्लांट एक हजार 1000 लीटर प्रति मिनट क्षमता के है और इन्हें डीआरडीओ के सहयोग से स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसीसी कंपनी भी क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में सीएसआर के अन्तर्गत 10 मिट्रिक टन क्षमता का पीएसए प्लांट स्थापित करेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने मिडिया कर्मियों और न्यायिक अधिकारियों को कोविड-19 टीकाकरण के लिए अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ताओं केे रूप में शामिल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 की दूसरी लहर में प्रशासनिक निर्णय में लगने वाले समय में कटौती करने के उद्देश्य से समर्पित कोविड अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों की अधिसूचना संबंधी शक्तियां जो पहले निदेशक स्वास्थ्य सेवा के पास ही थी, का विकेंद्रीकरण करके उपायुक्तों को कोविड अस्पतालों को अधिसूचित करने के लिए अधिकृत किया गया है।