बिलासपुर, सुभाष चंदेल
जिला बिलासपुर के घुमारवी उपमड़ल के पटेर पंचायत के बेकल गांव के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपनी बंजर भूमि पर चंदन के पौधों का बगीचा तैयार कर दिया गया है । नौकरी की चाह पाले युवा का पाला एक ऐसे अधिकारी से पड़ा कि बातों बातों में उसने विचार दिया कि आप पढ़े लिखे हो ,तो घर मे जमीन भी है जिसका उपयोग भी नहीं होता है उसमें चंदन के पौधे लगाओ और अगर लग गए तो लखपति बन जाओगे ।
युवा ने अधिकारी की बातों पर गौर किया और हमीरपुर जिले की एक नर्सरी से चंदन के लगभग 150 पौधे लाए और अपनी बंजर भूमि पर लगा दिए ,पर वह सूख गए ,पर युवा ने हार नहीं मानी ऐसा उसने तीन बार किया और तीनों बारी हताशा ही हाथ लगी तो फिर दक्षिणी भारत में चंदन की अत्यधिक पैदावार होती हैं तो वहां से इंटरनेट के माध्यम से किसी नर्सरी वालों से संपर्क किया तो वहां से पौधे मंगवाएं तो वह पौधे लगभग 95 प्रतिशत लग गए है ।
युवक के द्धारा लगभग चार बीघा जमीन पर 296 सफेद चंदन के पौधों का बगीचा तैयार कर दिया गया है जो उसने 2015/16 मे लगाया है तथा 12 पौधे लाल चंदन के पौधे भी लहलहा रहे हैं जिनकी लम्बाई 25 से फुट तक हो गई है ।पहले चंदन के पौधे सरकार के द्धारा ही उगाए जाते थे, पर 2003 के बाद सुप्रीम कोर्ट के द्धारा इसे आय के स्त्रोत को बढ़ाने के लिए लोगों के लिए भी खोल दिया गया है ।चंदन का पौधा 12 साल बाद काटा जाता है तो उसकी कीमत एक पौधे की 12 लाख से 14 लाख रुपए के बीच की होती हैं ।
जतिन ठाकुर ने कहा कि सफलता असफलता के बाद ही मिलती हैं जिससे इंसान को हार नहीं माननी चाहिए , हो सकता है मै जिला के साथ प्रदेश का पहला युवक हूँ जिसने लगभग तीन सौ से ज्यादा चंदन के पौधे अपनी जमीन पर विपरीत परिस्थितियों में पौध तैयार कर दी है और जो लगभग पांच साल के हो गए हैं ।