शिमला,जसपाल ठाकुर:-
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन का हंगामे के साथ आगाज हुआ है। सदन की कार्यवाही महज 10 मिनट के बाद ही रोकनी पड़ी।कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान खूब हंगामा किया और इस वजह से अभिभाषण बीच में छोड़कर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय निकल गए. इस पर कांग्रेस बिफर गई और सदन के बाद उनकी गाड़ी रोक दी और घेराव किया।इस दौरान मार्शल-पुलिस और कांग्रेस विधायकों में जमकर धक्कामुक्की हुई। इस दौरान मंत्री सुरेश भारद्वाज नीचे गिर गए। अब कांग्रेस के 5 विधायकों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं, उपाध्यक्ष भी कांग्रेस विधायकों को धक्का देते नजर आए, बाद में राज्यपाल किसी तरह से वहां से निकले और सदन की कार्यावाही दोबारा शुरू हुई। हालांकि, विपक्ष सदन में नहीं लौटा। सदन में कांग्रेस के नेता विपक्ष सहित 5 विधायकों को सत्र से निलंबित करने के लिए प्रस्ताव लाया गया है और इस पर चर्चा की गई।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने की घटना की निंदा
विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने घटना की निंदा की। साथ ही संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने सदन में कहा, ‘कांग्रेस ने सदन ही नहीं, संविधान के ऊपर हमला किया है और कांग्रेसियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि राज्यपाल के बजट अभिभाषण पर चर्चा के लिए 4 दिन का समय था। राज्यपाल का रास्ता रोकना शर्मनाक है। सीएम का रास्ता रोकते, मंत्रियों का रास्ता रोकते। यह राज्यपाल का एक तरह से फिजिकल एसॉल्ट किया गया है।
ये हुए निलंबित
इसके बाद सुरेश भारद्वाज ने सदन में प्रस्ताव रखा और कहा कि नेता प्रतिपक्ष समेत 5 विधायकों को निलंबित किया जाएगा।। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक हर्षवर्धन, सतपाल रायजादा, विनय कुमार, सुंदर सिंह ठाकुर को निलंबित करने का प्रस्ताव पर विधानसभा के नियम-319 के तहत सदन में चर्चा के लिए लाया गया था और पारित कर दिया गया। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राज्यपाल के एडीसी के गले पर हाथ डाला गया. वन मंत्री राकेश पठानिया, नरेंद्र बरागटा, गोबिंद ठाकुर, मंत्री राजेंद्र गर्ग ने प्रस्ताव का समर्थन किया था।
क्या बोले सीएम
सदन में बोले सीएम जयराम ठाकुर ने कह कि आज तक के इतिहास में ऐसी घटना नहीं हुई है. राज्यपाल के साथ इस तरह का व्यवहार देश की किसी भी विधानसभा में नहीं हुआ. सीएम ने कहा कि पांच विधायकों को सस्पेंड किया गया है और पूरे सदन ने प्रस्ताव का समर्थन किया है. कांग्रेस नेतृत्व में लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की क्षमता खत्म हो गई है. पूरे देश में कांग्रेस की यही स्थिति है. ख़बर बनाने के लिए इस तरह के हालात पैदा किए गए हैं. गौरतलब है कि 17 बैठकों का यह दौर 20 मार्च तक चलेगा।